Tuesday 3 November 2020

ईश्वर वाणी-294 नवीन व पुरानी आत्मा

 

ईश्वर कहते हैं, "हे मनुष्यो यद्धपि तुमने नवीन व पुरानी आत्माओ के विषय में सुना होगा, यदि नही सुना तो आज तुम्हे बताता हूँ कि सृष्टि में दो प्रकार की आत्माये होती है जिनमे से कुछ नवीन तो कुछ प्राचीन होती हैं, किँतु ये कोन सी आत्माये होती है जो नवीन अथवा प्राचीन कहलाती हैं ।

हे मनुष्यों जो आत्मा अपना भौतिक शरीर त्याग के जल्दी ही नया भौतिक शरीर ले लेती है वो पुरानी आत्मा कहलाती है, ऐसी आत्मा कई योनियों में जन्म ले चुकी होती है।
वही जो आत्मा अपने कर्मानुसार स्वर्ग अथवा अपने इष्ट देव अथवा अन्य देवलोक में स्थान प्राप्त कर बाद में पुनः जन्म लेती है वो नवीन आत्मा कहलाती है हालांकि उसने पहले भी कई बार जन्म लिया होता है धरती पर लेकिन उसका स्वर्ग अथवा इष्ट देव के लोक अथवा अन्य देवलोक में स्थान प्राप्त कर पुनः जन्म लेना उसके पिछले जन्मों की जन्म संख्या शून्य कर एक नवीन आत्मा बनाता है।
हे मनुष्यों आशा है तुम्हे अब नवीन व प्राचीन आत्मा में भेद पता चल गया होगा।"

कल्याण हो

No comments:

Post a Comment