Wednesday 4 November 2020

सैड शायरों-कब कौन सी बात

 न जाने कब कौन सी बात अधूरी रह जाये

न  जाने  किस रात की  सुबह  न आये

जी लूँ तुझे  जी भर  कर ए मेरी ज़िंदगी

शायद  फ़िर तू  मुझे कभी  मिल  न पाए

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