Wednesday 17 June 2020

मेरी शायरी

1-"आ भी जाओ अब तुम बाहों में मेरी
की कब तक खुद को यु संभालूं में"

2-"पल पल कमी तुम्हारी खलती है
जब ये हवा छूकर मुझे निकलती है
होती है महक इसमें तुम्हारी ही
जब ये टकरा कर मुझसे चलती है"

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