Sunday 4 August 2019

मेरी कलम से

"**कहने को तो यहाँ बहुत मेरे हमसाये है
कहते हैं बड़ी किस्मत तुम्हें हम पाए है
पर जब मुड़ कर देखते हैं ए ज़िन्दगी तुझे
दोस्त की जगह यहाँ दुश्मन ही हम पाए है**"


"+*+*दोस्त तो होता है वो जो दोस्ती के लिए कुछ कर गुज़र जाए,
जो गिर जाए एक तो दूजा संभाले उसे या खुद गिर जाए
बस खुद को दोस्त कहने से नही कोई दोस्त हो जाता यहाँ
दोस्त वो है जिसके आने से ज़िन्दगी के हर रिश्ते बदल जाये*+*+"

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