Saturday 15 May 2021

मेरी शायरी

1-"वक्त  और  हालातों  से बहुत  लड़े हम

हर बार  गिरकर फ़िर  से हुए खड़े हम 

पर आज  कुछ टूट  कर यु बिखर गए  हैं

इस महफ़िल में देखो कैसे उजड़े पड़े हम"


2- "संग तेरे गुज़ारे वो पल बहुत याद आते हैं


संग तेरे जिये वो पल मुझे बहुत रुलाते हैं


कैसे भुला दूँ तुझे दिल से मैं यूँही ए ज़िंदगी


बीते हुए ये पल करीब तेरे और मुझे ले आते हैं"

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