Tuesday 26 October 2021

दर्द भरी शायरी

1-"खुश रहने की हसरत में ग़मो को गले लगा लेते हैं

बहते हुए इन अश्कों को आज भी हम छिपा लेते हैं

नही चाहते कोई पूछे दिल का हाल हमारा अब

इसलिए महफ़िल में आज भी हम मुस्कुरा लेते हैं"


2-"ठोकरे न मिलती, सम्भलना न सीख पाते

अगर गिरते नही तो, उठना न सीख पाते

आँसू न मिलते अगर, महफ़िल में हमें तो

दुनियां में देखो फिर, जीना न सीख पाते"

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