Tuesday 3 October 2023

दर्द वाली शायरी

 दर्द अपना छिपा कर मुस्कुरा लेते है

रोते-रोते युही कुछ गुनगुना लेते हैं

कोई जान न ले मेरे दर्द की वज़ह

इसलिए हँसकर ख़ुद को ही सज़ा देते हैं

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