Friday, 24 May 2024

देश के नाम कविता

 अर्ज़ किया है..


"चलो इस बार कुछ ऐसा काम कर जाए,
कूड़ा बहुत है देश मे मेरे उसको साफ कर आये,
अंधभक्तो  ने साहब के साथ मिल के फेलाई जो गंदगी
इस बार वोट किसी सही आदमी को दे आये

बाट दिया इंसा को इसां से जिंहोंने आज
ऐसे गद्दारो को अब देश से बाहर कर आये

नफरत बहुत फेल चुकी मजहब् के नाम पर
अब फिर से दिलो मे मोहब्बत फेला आये

वो बैठे मेरे घर दीप दिवाली के जलाये फ़िर
हम इनको भी आज ईद मुबारक कह आये"

Thursday, 9 May 2024

दर्द भरी शायरी

 Archana Mishra:

१-"ख्वाइशें कभी बहुत थी तुझसे,
पर वक़्त के साथ वो भी नही रही

शिकायते कभी बहुत थी तुझसे,
पर वक़्त के साथ वो भी नही रही"

२-"दिल की बात सिर्फ अपनो से की जाती हैं,
शिकायते गेरो से नही अपनो से हो जाती है,
अब शिकायतों का हक भी छूट गया तुझसे,
क्योंकि उम्मीदें सिर्फ अपनो से की जाती है!!"