Tuesday 31 March 2020

Jay mata di

तुम बिन अधूरी है मेरी ज़िंदगानी

तुमसे ही शुरू है मेरी हर कहानी

करना माफ़ हर खता तुम मेरी

तुम हो जगतजननी मेरी माता रानी


जय माता दी


माता रानी सबकी रक्षा करें

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Romantic hindi shayri

1-"खूबसूरत सुबह का एक अहसास हो तुम
मेरे हर दिन का हसीं अहसास हो तुम
तुमसे ही होती है अब मेरे दिन की शुरुआत
मेरे लिए तो हर पल सब से खास हो तुम"

2- दिल में दर्द और आँखे नम है

बिन तुम्हारे कितना तन्हा हम है

सताकर तुम्हें खुश हम भी नही

तुम बिन ज़िंदगी मे कितना गम है


3-"मेरी ख़ता की न ऐसी तुम सज़ा दो

मेरे ख्याल को न दिलसे तुम मिटा दो

दिल मे कितना दर्द है तुम्हे सताकर

यु दूर जाने की मुझे कुछ तो वजह दो"


4- शायद हमने तुम्हे फ़िर रुला दिया

तुमने भी देखो हमे कैसे भुला दिया

हम तो पहले से तन्हा थे यहाँ पर

मगर तुमने फिर अहसास दिल दिया


 5-"मेरी ख़ता की फिर न ऐसी सज़ा देना

दिल से दूर मुझे न कभी तुम करना

काश दिल का हाल तुम्हे दिखा सकते

फिर न कभी हमे दिलसे जुदा करना"


6-"हर पल हर लम्हा हम आपको याद करते हैं

आपको क्या पता आपसे कितना प्यार करते हैं"


7-"मुझे तो हर पल आस तुम्हारी होती है

हर जगह बस तलाश तुम्हारी होती है

काश ख्वाब में मिलने आओ तुम हमसे

इसी उम्मीद में अब 'मीठी-खुशी' सोती है"


8- हर रात आपकी प्यारी हो जाये

खूबसूरत ख्वाब आपकी आँखों मे आये

मिले सब आपको सपनो में जो चाहो

सुबह आपका ख्वाब पूरा हो जाये

Thursday 19 March 2020

Romantic shayri-hindi

"तुमसे जुदा हो नही पाते
दूर तुमसे हो नही पाते
प्यार बहुत है तुमसे हमे
बिन तुम्हारे रह नही पाते"

Meri shayri-romantic

काश दिल की आवाज़ तुम तक पहुँच जाए
काश दिल से दिल की बात आज हो जाए
तुम सुनो धड़कन मेरी कुछ सुनू में तुम्हारी
काश दिल से दिल कुछ आज ऐसे मिल जाए

Wednesday 18 March 2020

गीत-एक कदम टीम चलो

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एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले

कुछ तुम आगे बढ़ो, कुछ कदम हम चले


मोहब्बत के फ़साने आज कुछ ऐसे लिखें

दिल की हर बात जो फिर आँखों में दिखे

तेरी ज़ुल्फ़ के साये में आज फिर हम मचले

एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले


तेरी बाहों में आ कर हम बहकते रहे सदा

तुझसे मिल कर कुछ ऐसे चहकते रहे सदा

कुछ तुम महको, कुछ हम बहकते चले

एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले



एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले

कुछ तुम आगे बढ़ो, कुछ कदम हम चले


तुमसे है कितनी प्रीत आज तुम्हें बता दु

अपना हाल-ए-दिल में तुमको दिखा दु

कुछ मोहब्बत में तुम तड़पो कुछ हम तड़पे

ज़ज़्बात अपने कुछ तुम कहो कुछ हम कहे


एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले

कुछ तुम आगे बढ़ो, कुछ कदम हम चले



चर्चा अपनी मोहब्बत की अब होने लगी है

हर जगह इश्क की सुगबुगाहट अब होने लगी है

तेरे प्यार का प्याला कुछ यूं छलकने लगा है

ये दिल, मेरा दिल तेरी याद में कैसे रोने लगा है


दिल की बात कुछ, तुमसे कहते चले

एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले



एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले

कुछ तुम आगे बढ़ो, कुछ कदम हम चले


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Meri shayri-romantic

ज़िंदगी तुम बिन अधूरी सी है
फिर क्यों छाई ये दूरी सी है
है मोहब्बत तुमसे बैतन्हा हमे
खामोशी की कुछ मज़बूरी सी है

Sunday 15 March 2020

कविता-कौन अपना है कौन पराया

कौन अपना है कौन पराया ये समझ नही पाते

शायद इसिलए ही पग पग है हम धोखे खाते

हर शख्स लगता है हमे तो वफादार इस जहाँ में

वही वफादार ही आखिर यहाँ दगा हमे दे जाते


इश्क की महफ़िल में अक्सर ऐसे लोग मिल जाते

पहले बाँधते बंधन प्यार का फिर तोड़ कर चले जाते

अपने इस नादाँ दिल पर रोती 'मीठी-खुशी' अक्सर

मासूमों के दिल से ही तो आखिर ये लोग हैं खेल जाते


नादाँ ही तो अक्सर हर दफा वफा की भूल कर जाते

टूटे दिल की पीर ले कर मासूम ही तो अश्क़ बहाते

नही है नसीब में तेरे मोहब्बत ए 'मीठी-खुशी' समझ ले

तू है नादाँ बहुत जिसका पल पल फायदा लोग उठाते


पहले अपना कर फिर तुझे देख कैसे ये ठुकराते

मरहम बता चोट पर और ज़ख़्म गहरे दे जाते

दुनिया की रीत यही है सदियों से 'मीठी-खुशी'

बेवफाई कर देखो महफ़िल में लोग कैसे इतराते