ye ishk wo bala h iske chakkar me jo pada h wo khush kab raha h, jheen lelta h neend, sukh chen, ek achche khaase insaan ko b beemar bana deta h
this is not only a hindi sher o shayri site, there is also u can see short stories, articals, poetry in ur own language yes off course in hindi......
Saturday, 30 July 2011
ajab khel hai
ajab khel h ishk ka,kabi ye hassats h to kabi rulata, kabi rula k hassata to kabi hassa k rulata h, ishk karke khush kon rah paya h, ishk me sabne apna haal-e-dil chhupaya, pyaar krne wale kahte h main khush hu unka saath pa kar, par jara unke dil me jhaank kar dekhiye jo kisi k pyaar me har pal roya h...
tab paya hai tumhe
har jagh dhoonda tab paya h hmne tumhe, laakho mannato k baad apnaya tumne hme, chhod denge saath kabi tumhara aisa sochna bhi mat kyu ki tumhe chhodne se pahle hm duniya chhod denge.....
gud morng
kaali raat k baad fir savera aaya, intzaar kiya tumne raat bhar dekho subah fir hmara msg aaya................. gud morng frsssssss
Sunday, 24 July 2011
तेरे इंतज़ार में
तेरे इंतज़ार में सारी उम्र गुज़रती गयी, तू न आया पर तेरी याद हर पल हमे
आती गयी, तेरे इंतज़ार में सारी उम्र गुज़रती गयी, तू न आया पर तेरी याद हर
पल हमे आती गयी,
तडपते रहे सारी उम्र तेरे इंतज़ार में हम , तू न आया ऐसा क्यों हुआ तू हमसे नाराज़ सनम, तडपते रहे सारी उम्र तेरे इंतज़ार में हम , तू न आया ऐसा क्यों हुआ तू हमसे नाराज़ सनम
इस दिल में तेरी ही तस्वीर है सनम, तू न आये भले पर इस दिल में तू ही रहता है हर दम, छोड़ गया है तू मुझे भले ही बीच मझधार में, पर ये मेरा दिल तड़पता है तेरे ही इंतज़ार में,
कोशिशे लाखो की तुझे दिल से दूर करने की, पर न हुआ तू दिल से दूर तू, आया दिल के करीब और भी तू, ये कैसा रिश्ता मैंने तुझसे बनाया है, किया है जितना तुझे दिल से दूर उतना करीब पाया है,
समाया है तू मेरी साँसों में, मैंने अपनी हर धड़कन में सिर्फ तुझी को पाया है, दिल कहता है मेरा भले है दूर तू मुझसे पर तेरे संग हर पल मेरा ही है साया है, मैंने भी खुद में सिर्फ तुझी को पाया है,
दिल ने कहा तुझे भुला दू अब, दिल को पत्थर का बना दू अब, दूर कर दू तुझे अपने साँसों से, धडकनों से तुझे निकल कर किसी और को अपना बना दू अब,
पर जब किसी और को अपने साथ पाया इस दिल में फिर भी तेरा ही ख्याल है आया, दे हमने उससे अपना सब कुछ दिया, पर ये दिल फिर भी उससे अपना न पाया,
तुझे भुलाने की कोशिशे सब नाकाम रही, तू समाता रहा मुझमें और तेरी यादे मेरे साथ रही,तुझे भुलाने की कोशिशे सब नाकाम रही, तू समाता रहा मुझमें और तेरी यादे मेरे साथ रही,
तेरे इंतज़ार में सारी उम्र गुज़रती गयी, तू न आया पर तेरी याद हर पल हमे आती गयी, तेरे इंतज़ार में सारी उम्र गुज़रती गयी, तू न आया पर तेरी याद हर पल हमे आती गयी,
तडपते रहे सारी उम्र तेरे इंतज़ार में हम , तू न आया ऐसा क्यों हुआ तू हमसे नाराज़ सनम, तडपते रहे सारी उम्र तेरे इंतज़ार में हम , तू न आया ऐसा क्यों हुआ तू हमसे नाराज़ सनम
तेरे इंतज़ार में सारी उम्र गुज़रती गयी, तू न आया पर तेरी याद हर पल हमे आती गयी, तेरे इंतज़ार में सारी उम्र गुज़रती गयी, तू न आया पर तेरी याद हर पल हमे आती गयी,
तडपते रहे सारी उम्र तेरे इंतज़ार में हम , तू न आया ऐसा क्यों हुआ तू हमसे नाराज़ सनम, तडपते रहे सारी उम्र तेरे इंतज़ार में हम , तू न आया ऐसा क्यों हुआ तू हमसे नाराज़ सनम
तडपते रहे सारी उम्र तेरे इंतज़ार में हम , तू न आया ऐसा क्यों हुआ तू हमसे नाराज़ सनम, तडपते रहे सारी उम्र तेरे इंतज़ार में हम , तू न आया ऐसा क्यों हुआ तू हमसे नाराज़ सनम
इस दिल में तेरी ही तस्वीर है सनम, तू न आये भले पर इस दिल में तू ही रहता है हर दम, छोड़ गया है तू मुझे भले ही बीच मझधार में, पर ये मेरा दिल तड़पता है तेरे ही इंतज़ार में,
कोशिशे लाखो की तुझे दिल से दूर करने की, पर न हुआ तू दिल से दूर तू, आया दिल के करीब और भी तू, ये कैसा रिश्ता मैंने तुझसे बनाया है, किया है जितना तुझे दिल से दूर उतना करीब पाया है,
समाया है तू मेरी साँसों में, मैंने अपनी हर धड़कन में सिर्फ तुझी को पाया है, दिल कहता है मेरा भले है दूर तू मुझसे पर तेरे संग हर पल मेरा ही है साया है, मैंने भी खुद में सिर्फ तुझी को पाया है,
दिल ने कहा तुझे भुला दू अब, दिल को पत्थर का बना दू अब, दूर कर दू तुझे अपने साँसों से, धडकनों से तुझे निकल कर किसी और को अपना बना दू अब,
पर जब किसी और को अपने साथ पाया इस दिल में फिर भी तेरा ही ख्याल है आया, दे हमने उससे अपना सब कुछ दिया, पर ये दिल फिर भी उससे अपना न पाया,
तुझे भुलाने की कोशिशे सब नाकाम रही, तू समाता रहा मुझमें और तेरी यादे मेरे साथ रही,तुझे भुलाने की कोशिशे सब नाकाम रही, तू समाता रहा मुझमें और तेरी यादे मेरे साथ रही,
तेरे इंतज़ार में सारी उम्र गुज़रती गयी, तू न आया पर तेरी याद हर पल हमे आती गयी, तेरे इंतज़ार में सारी उम्र गुज़रती गयी, तू न आया पर तेरी याद हर पल हमे आती गयी,
तडपते रहे सारी उम्र तेरे इंतज़ार में हम , तू न आया ऐसा क्यों हुआ तू हमसे नाराज़ सनम, तडपते रहे सारी उम्र तेरे इंतज़ार में हम , तू न आया ऐसा क्यों हुआ तू हमसे नाराज़ सनम
तेरे इंतज़ार में सारी उम्र गुज़रती गयी, तू न आया पर तेरी याद हर पल हमे आती गयी, तेरे इंतज़ार में सारी उम्र गुज़रती गयी, तू न आया पर तेरी याद हर पल हमे आती गयी,
तडपते रहे सारी उम्र तेरे इंतज़ार में हम , तू न आया ऐसा क्यों हुआ तू हमसे नाराज़ सनम, तडपते रहे सारी उम्र तेरे इंतज़ार में हम , तू न आया ऐसा क्यों हुआ तू हमसे नाराज़ सनम
rishto ki kitab
Ye rishto ki kitab bhi badi ajib hoti hai, kisi se bad rahi nazdiki to kisi se duri hoti hai, inn rishto ki kitab mein kabi kisi ko pyaar ya fir farheb dene ki aadat ya fir mazburi hoti hai, ye rishto ki kitab bhi badi ajeeb hoti hai
pyaar hai ya dhokha
Ye dil puchta hai humse baar baartumhara milna, tumhara karib aana, karbi aa kar yu dil churana sachh hai ya dhokha, jis tarah se dil churaya uss tarah se kabhi nazre chura gaye to, ye dil pucha hai humse baar baar ye pyaar hai ya dhoka ,chhod gaye agar beech majdhar mein akela tum hume saath nibhane ka wada karke fir kya hoga humara, ye dil puchta hai baar baar ye pyaar hai ya dhoka...
Saturday, 23 July 2011
उफ़ ये गर्मी
वीरान है ज़िन्दगी,सूनी है हर ख़ुशी ,उम्मीदों की है सरज़मीं ,उसके आने का है इंतज़ार ,जिसके आने से जीवन में आ जाए एक नया खुमार ,उफ़ ये इंतज़ार अब नहीं होता बर्दाश्त ,जाने कब आएगी बरसात मेरे यार, अब तो जान ही ले लेगी ये गर्मी उफ़ ये गर्मी ,अब छीन ही लेगी ये हर ख़ुशी उफ़ ये गर्मी,अब तो जीने नहीं देगी हाय ये गर्मी,उफ़ ये गर्मी।
Friday, 8 July 2011
hm unhe beintha chahne lage wo b hmare karib aane lage, kush the hm unka sath pa kar, par ye khushi pal do pal ki nikali, jitnee aayi thi unke hmare beech nazdikiya ab usse jyada duri badne lagi, fir yaad aayi uss dost ki baat jisne kaha tha ek baar "jyaada khush mat ho mere yaar, jyada khush mat ho uska saath pa kar kyon ki aksar jyaada nazdikiyo k baad kabi na khatm hone wali duri hoti hai..
Thursday, 7 July 2011
aansu
koi saath de na de par ye aankhko se behte huye ye
aansu hmesha saath dete h, jab koi apna hmse dur chala jata hai tab ye
aankho se behkar hmara saath dete hain aur agar koi bichda mil jaaye
tab ye aankkho se beh nikal kar khushi ka izhaar karte hain, koi b
khushi ho ya gam ho, shareer pe ye fir dil mein koi chot lagi ho ye
aankho se beh kar hal-e-dil bayan kar jate hain, koi laash chhupaaye
apne dil ki baat ko aankho se bechte ye ask kabi kisi baat ko raaz nhi
rahne dete hain, khushi ho ye gam dono mein ye saath dete hain
Subscribe to:
Posts (Atom)