Thursday 13 November 2014

मेरे चंद अलफ़ाज़

१* "दिल तोड़ के आए मेरे हमनशीं तुझे मिला क्या, मैं तो सिर्फ़ तुम्हारा था, बन के बेवफा आए मेरी ज़िंदगी तुझे मिला क्या"



२* "उनकी यादों को दिल्मे साजो रखा है जैसे मोती  साजो के रखते है माला के"


३*"दुनिया मे दोस्ती और प्यार सब मतलब के है  मेरे यार, झूठ और फरेब के बने है  आज सब ये रिश्ते, इन पर यकीन करना है  आज अब बेकार"


४* "अपनो ने ठुकराया मोहब्बत के पास आया, मोहब्बत ने ठुकराया दोस्त के पास आया, दोस्त ने ठुकराया तो ज़िंदगी के पास आया, ज़िंदगी ने ठुकराया मौत को गले लगाया, मौत भी निकली बेवफा तन्हाई को अपनाया, तन्हाई और सूनेपन को आज मैने हमसफ़र अपना बनाया"




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