Saturday 3 July 2021

मेरी प्यार भरी शायरी

 दूर जितना तुमसे हम होना चाहते हैं

करीब उतना ही खुदको हम पाते हैं

कैसा रिश्ता है तुमसे मेरा ए मेरे  हमनशीं

तुमसे है मोहब्बत और तुमसे ही छिपाते हैं

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