Tuesday 24 August 2021

प्यार भरी कविता

 ख़फ़ा तुमसे हम हो नही सकते

दूर अब तुमसे हम जा नही सकते

दिलमे बसे हो कुछ यू इस तरह मेरे

तुम बिन अब हम रह नही सकते


दिलकी बात किसीसे कह नही सकते

दर्द जुदाई का अब  हम सह नही सकते

तड़पते है जिसके लिए दिन-रात ऐसे

उससे ये बात देखो हम कह नही सकते


हसना भूल गए हम पर रो नही सकते

आँखे किसीको नम दिखा नही सकते

है दर्द कितना दिलमें मेरे ए हमनशीं

ज़ख्मो पर मरहम भी लगा नही सकते


है मजबूर हम की कुछ कह नही सकते

चुप रहकर यु हम खामोश रह नही सकते

नज़रे बता जाती है मेरी दिलका हाल ऐसे

पर ज़ुबाँ पर नाम उनका ले नही सकते

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