Thursday, 19 March 2020

Romantic shayri-hindi

"तुमसे जुदा हो नही पाते
दूर तुमसे हो नही पाते
प्यार बहुत है तुमसे हमे
बिन तुम्हारे रह नही पाते"

Meri shayri-romantic

काश दिल की आवाज़ तुम तक पहुँच जाए
काश दिल से दिल की बात आज हो जाए
तुम सुनो धड़कन मेरी कुछ सुनू में तुम्हारी
काश दिल से दिल कुछ आज ऐसे मिल जाए

Wednesday, 18 March 2020

गीत-एक कदम टीम चलो

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एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले

कुछ तुम आगे बढ़ो, कुछ कदम हम चले


मोहब्बत के फ़साने आज कुछ ऐसे लिखें

दिल की हर बात जो फिर आँखों में दिखे

तेरी ज़ुल्फ़ के साये में आज फिर हम मचले

एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले


तेरी बाहों में आ कर हम बहकते रहे सदा

तुझसे मिल कर कुछ ऐसे चहकते रहे सदा

कुछ तुम महको, कुछ हम बहकते चले

एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले



एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले

कुछ तुम आगे बढ़ो, कुछ कदम हम चले


तुमसे है कितनी प्रीत आज तुम्हें बता दु

अपना हाल-ए-दिल में तुमको दिखा दु

कुछ मोहब्बत में तुम तड़पो कुछ हम तड़पे

ज़ज़्बात अपने कुछ तुम कहो कुछ हम कहे


एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले

कुछ तुम आगे बढ़ो, कुछ कदम हम चले



चर्चा अपनी मोहब्बत की अब होने लगी है

हर जगह इश्क की सुगबुगाहट अब होने लगी है

तेरे प्यार का प्याला कुछ यूं छलकने लगा है

ये दिल, मेरा दिल तेरी याद में कैसे रोने लगा है


दिल की बात कुछ, तुमसे कहते चले

एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले



एक कदम तुम चलो, कुछ दूर हम चले

कुछ तुम आगे बढ़ो, कुछ कदम हम चले


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Meri shayri-romantic

ज़िंदगी तुम बिन अधूरी सी है
फिर क्यों छाई ये दूरी सी है
है मोहब्बत तुमसे बैतन्हा हमे
खामोशी की कुछ मज़बूरी सी है

Sunday, 15 March 2020

कविता-कौन अपना है कौन पराया

कौन अपना है कौन पराया ये समझ नही पाते

शायद इसिलए ही पग पग है हम धोखे खाते

हर शख्स लगता है हमे तो वफादार इस जहाँ में

वही वफादार ही आखिर यहाँ दगा हमे दे जाते


इश्क की महफ़िल में अक्सर ऐसे लोग मिल जाते

पहले बाँधते बंधन प्यार का फिर तोड़ कर चले जाते

अपने इस नादाँ दिल पर रोती 'मीठी-खुशी' अक्सर

मासूमों के दिल से ही तो आखिर ये लोग हैं खेल जाते


नादाँ ही तो अक्सर हर दफा वफा की भूल कर जाते

टूटे दिल की पीर ले कर मासूम ही तो अश्क़ बहाते

नही है नसीब में तेरे मोहब्बत ए 'मीठी-खुशी' समझ ले

तू है नादाँ बहुत जिसका पल पल फायदा लोग उठाते


पहले अपना कर फिर तुझे देख कैसे ये ठुकराते

मरहम बता चोट पर और ज़ख़्म गहरे दे जाते

दुनिया की रीत यही है सदियों से 'मीठी-खुशी'

बेवफाई कर देखो महफ़िल में लोग कैसे इतराते

Saturday, 14 March 2020

गीत- मेेरे सनम मेरे हमदम



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अपनी हर सांस को, तेरे नाम किया है
दिल की हर धड़कन ने , नाम तेरा लिया है
तू अनजान न बन, मेरे ज़ज़्बातों से और
मैंने तो आखिर, दिल तुझको ही दिया है

मेेरे सनम मेरे हमदम, न कर मुझपे सितम


तू खुशी है मेरी , तू ज़िन्दगी है मेरी
न सह सकूँगा अब, तुझसे ये में दूरी
तेरे प्यार के साये में,  गुज़ार दूं ज़िन्दगी
न हो कोई अब, फिर कोई मज़बूरी


छोड़ लाचारी सारी, इश्क में और सारे भरम

मेेरे सनम मेरे हमदम, न कर मुझपे सितम


तुझसे पहले थी, ज़िंदगी मे सिर्फ तन्हाई
तुमसे मिलकर,  एक आस दिल मे आयी
मुस्कुरा उठा दिल मेरा, जबसे तुझे देखा
सूनी सी ज़िंदगी मे, तू 'मीठी-खुशी लायी


बना कर अपना मुझे, न कर पीछे तू कदम
एक तू ही तो मेरा अपना, यहाँ मेरा हमदम
न दिल तोड़ दिल न दूर जा, कर इतना रहम

मेेरे सनम मेरे हमदम, न कर मुझपे सितम

मेेरे सनम मेरे हमदम, न कर मुझपे सितम

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गीत-तुम्हारी यादों को

तुम्हारी यादों को दिलमें बसाए बैठे हैं।


कभी मुड़कर, मुझे भी तुम देख लेना

वक्त मिले तो, याद मुझे भी तुम कर लेना

ये माना, नही तुम्हे अब जरूरत हमारी

हकीकत न सही, ख्वाब मुझे समझ लेना

तेरी मोहब्बत की, हसरत सजाए बैठे हैं

तुम्हारी यादों को, दिल में बसाए बैठे हैं


रूठे तुम, ऐसे की मना हम ना पाये

दूर ऐसे हुए की, फिर करीब न आये

तू खुश रहे सदा, यही दुआ करते हैं

भले तेरे बिना, हम और जी न पाये


तेरी हर बात को, सीने से लगाये बैठे हैं

तुम्हारी यादों को, दिलमें बसाए बैठे हैं


तुझे याद कर, रोते है हम रात-दिन

तेरे लिए तो, तड़पते है हम हर दिन

काश तू फिर, मुड़कर देख हाल मेरा

करते हैं सबसे, अब तेरी ही बात रात-दिन


पत्थर से पिघलने की, आस लगाए बैठे हैं

मौत से ज़िन्दगी की, उम्मीद लागाये बैठे हैं


बेवफा से वफ़ा की, आस लगाए बैठे हैं

तुम्हारी यादों को, दिलमें बसाए बैठे हैं