Tuesday, 25 June 2024

Dard wali shayri

 टूटे हुए दिलके साथ, जीना सीख लिया

गमो में डूब कर, मुस्कुराना सीख लिया

शायद ज़िंदगी की कला ,अब समझ आई

ज़ख़्म छिपाने के लिए, पीना सीख लिया

Dard wali shayri

 अपने हो कर भी गेर लगने लगे हो,

पास रह कर भी दूर होने लगे हो,
क्या मोहब्बत का यही अंजाम होता है,
खामोसी से क्या कुछ कहने लगे हो

Romantic shayri

 तेरे इश्क मे आज एक कहानी लिख दूँ

मोहब्बत की दास्ताँ जुबानी लिख दूँ

तू हो राजा मेरा और बनू मे तेरी रानी उसमे

नाम तेरे अपनी ये ज़िंदगानी लिख दूँ



एक सदी से... कविता

 


एक सदी से इंतज़ार था ,किसी का 

जिससे कुछ दिल की बात, कह तो ले


इंतजार था बस उस एक ,हमनशीं का 

जिसके कंधे पे सर रख कर, रो तो ले


है आज भी तन्हा ,बीते कल की तरह

न मिला जिससे हाल ए दिल, कह तो ले


जिसको बनाना चाहा, राजगार दिलका

चला गया कहकर, तेरा दर्द हम ले क्यों ले


है अल्फाज़ बहुत सारे, बयां करने को 

कोई नही ऐसा जो, इन्हे कभी सुन तो ले


खुद रोते हैं खुद ही ,अश्क पोछ लेते है 

मेरे रोने की वज़ह, काश कोई पूछ तो ले


रोज़ टूटते है रोज़ बिखरते है ,जिनके लिए

काश कभी यु बिखरा हुआ, मुझे देख तो ले

Meri shayri

 "काश इक झलक हम तुझे देख तो लेते, 

कुछ पल इस ज़िंदगी के जी तो लेते, 

रुलाया बहुत है अपनो ने गेर बना कर

काश साथ किसी गेर के हम मुस्कुरा तो लेते"

Romantic shayri

 वक़्त मिले तो मुलाकात कर लेना, 

बस कुछ थोड़ी सी बात कर लेना, 

 तेरे सीने से लगने की हसरत है मुझे, 

बाहों मे भर कर ये खुराफात कर लेना"

Romantic kavita- ek tara hoon mein

 आसमां से टूटा बस,  वो एक  तारा हूँ मैं

कहते  है  ये लोग की, बड़ा बेचारा  हूँ  मैं

जिंदगी  गमो के, तोहफे  दे ती रही मुझे
फ़िर  भी  ज़िंदगी से, न कभी हारा  हूँ मैं

बिखरा  हूँ जमीं  पे, इस कदर फिर भी
जाने कितनों का ,आज भी सहारा हूँ मैं

छिपाके अश्क,हस लेता हूँ मेहफिल में
तभी लोग कहते हैं ,बड़ा आवारा  हूँ  मैं,

कभी दुनिया चूमती थी, कदम मेरे  ऐसे
कहते थे ये लोग, की बड़ा ही प्यारा हूँ मैं,

आज तोड़के दिल, ठुकरा मेरी मोहब्बत
वोही कहते हैं अब, बड़ा ही नकारा हूँ मैं,

सज़ा मिली मुझे ,सच कहने की कुछ ऐसे
इश्क के आँसुओ की ,अब जलधारा हूँ मैं,

हर बार गिराया तोड़ा मिटाया गया मुझे
फ़िरभी वज़ूद है मेरा, एक विचारधारा हूँ मैं

झुका ले जितना झुकाना है ,तुझे इश्क मे
फ़िर भी चमकूंगा आखिर, इकतारा हूँ मैं

ज़िंदगी ने ज़ख़्म बहुत दिये ,मुझे इश्क मे
फिरभी गले तुझे लगाया,इश्ककी धारा हूँ मैं

आसमां से टूटा बस,  वो एक  तारा हूँ मैं
कहते  है  ये लोग की, बड़ा बेचारा  हूँ  मैं