तेरे बिन जीना सीख लिया
तेरे बिन रहना सीख लिया
तू रहे खुश जहाँ मे सदा
बिन तेरे खुश होना सीख लिया
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तेरे बिन जीना सीख लिया
तेरे बिन रहना सीख लिया
तू रहे खुश जहाँ मे सदा
बिन तेरे खुश होना सीख लिया
"जाने कब कोई दिल को भाने लगा
एक अजनबी दिलमें आने लगा
न देखा न जाना जिसे कभी हमने
पर ये दिल उसे अपना बनाने लगा"
"मोहब्बत उनसे ही क्यों होती है, जिन्हे पा नही सकते,
दूर उनसे हुआ नही जाता, किसी और के हो नही सकते
रूह में बस जाते हैं जो अक्सर, हर साँस के साथ उन्हें
दिल से मिटा नही सकते , किसी और को समा नही सकते"
तेरे जैसा कोई न होगा
दिल तेरे सिवा किसीका न होगा
मोहब्बत हुई है रूह से तेरी
ये ईश्क अब किसी और से न होगा
"तेरे लिए हद से गुज़र जायेंगे
तेरे लिए क्या कुछ कर जायेंगे
न छोड़ना साथ तुम मेरा कभी
बिन तेरे जीते जी मर जायेंगे"
"कोई शिकवा गिला करते हैं
दिन रात तेरे लिए दुआ करते हैं
रहे सलामत सदा चाहें जहाँ रहे
रब से बस यही फरियाद करते हैं"
बहुत कुछ कहना है पर ज़ुबाँ खामोश है
है दिलमे बहुत कुछ पर ज़ुबाँ खामोश है
जी चाहता है बयाँ कर दू जो है दिल मे मेरे
कैसे करू बयाँ सुनने वाला ही खुदमें मदमोश है
अब हकीकत से, हसीं ये ख्वाब लगने लगे हैं
भूले बिसरे अपने, वहा हर दिन मिलने लगे हैं
जी चाहता है, एक गहरी नींद मे अब सो जाऊ
ख्वाबो मे सही,मोहब्बत के फूल वहा खिलने लगे हैं
जी चाहता है ,एक गहरी नींद मे ऐसे सो जाऊ
न जागू फिर कभी, बस इन ख्वाबो की हो जाऊ
मिलते है हर दिन, पीछे छूट चुके अपने वहाँ मुझे
काश फ़िर उनकी हो जाऊँ, न कभी लौट के आऊँ