Sunday 11 May 2014

धोखेबाज़ है दिखता...

"है दिया दर्द हर शख्स ने मुझे इस ज़माने में की आज बेदर्द हर शख्स मुझे है दिखता, मिला धोका मुझे इस ज़माने में की आज ये ज़माना ही मुझे धोखेबाज़ है दिखता... "

मैं हिन्दुस्तानी बाला हूँ,

" गोरी नही काली हू, दुनिया से बड़ी निराली हू, मैं बाला हिन्दुस्तानी हू,

रुकती नही बस चलती हू, चलते हुए नही थमती हू, मैं बाला हिन्दुस्तानी हू,

थकती नही निरन्तर बहती रहती हू, मैं एक नादिया जो लड़की बन के घर-घर मे रहती हू, मैं बाला हिन्दुस्तानी हू,

नित्या यातना सहती हू, दंश लड़की बनने का सहती हू पर फिर भी ना कुछ कहती हू, मैं बाला हिन्दुस्तानí हू,

मैं एक छोटी चिड़िया हूँ जो हर डाल पर रहती हूँ
मैं बोल नही सकती लेकिन अपनी आवाज मैं कहती हूँ
की मैं एक बाला  हिंदुस्तानी हूँ


कमजोर मान कर जो उपहास मेरा उड़ाते है वो समझ ले ज़रा मैं ही दुर्गा और काली हू, मार भगाए फिरंगी जिस धरती से मैं ही झाँसी की रानी हू, मैं बाला हिन्दुस्तानी हू,

मेरी खामोशी को मेरी मज़बूरी ना समझना, मेरी नादानी को मेरी मज़बूरी मत समझना, मैं ही चंडिका और विकराली हूँ मैं हिन्दुस्तानी बाला हूँ, 

मैं हिन्दुस्तानी बाला हूँ, मैं हिन्दुस्तानी बाला हूँ, मैं हिंदुसतानी बाला हूँ.."

Friday 9 May 2014

देख के इतने मासूम चेहरे -dekh ke itne maasoom chehre

dekh ke itne maasoom chehre fir se jeene ka mann karta hai, guzaar du apni ye zindagi unke liye bas ye karne ka ahsaas is dil mein hamesha ab rahta hai........




देख के इतने मासूम चेहरे फिर से जीने का मंन करता है, गुज़ार दू अपनी ये ज़िंदगी उनके लिए बस ये करने का अहसास इस दिल में हमेशा अब रहता है........

मुझे बहुत रुलाया है

"इस दिल को हर शख्स ने दुखाया है, गेरो ने ही नही अपनोने भी मुझे सताया, खुशी की इबादत करते थे खुदा से बस हम पर दे कर गम-आए-तन्हाई इस ज़िंदगी मे उस रब ने भी मुझे बहुत रुलाया है"

big crime being a woman

"only a woman can do everything for her family as wife, as daughter, sister, a woman can do everything for her best friend, boyfriend, husband, brother, father, mother, sister, animals, birds, nature but what she gets? only tears, only salt water in her eyes life long for her sacrifices, great it's crime being a woman as mother, wife, sister, friend, girlfriend, neighbor and everything, it's a big crime being a woman specially in India
 (mera Bharat Mahan)(°¥°)"

जीने की वज़ह नही रही इस ज़िंदगी

"जीने की वज़ह नही रही इस ज़िंदगी मे पर मरने के सौ बहाने ह्म तलाशते हैं"

Wednesday 7 May 2014

लिखते हो तुम कागज़ और कलम से

किसी ने पूछा हमसे क्या लिखते हो तुम कागज़ और कलम से या बिगो देते हो कागज़ को अपने अश्को की दवात से और लिखते हो अपने दर्द भरे दिल की इस कलम से , 
हमने उन्हें बताया लिखते तो है हम कागज़ और कलम से पर है जो गम मेरे ह्रदय की गहराई में वो ही कमबख्त अश्क बन कर निकल आता है,

 मेरे  नेनो  हो कर   हर कागज़ को मेरे आंसुओ की दवात भिगो जाता है,
 और इस दिल के दर्द भरे कलम से मेरी ज़िन्दगी के अफ़साने लिख जाता है…