Wednesday 7 May 2014

लिखते हो तुम कागज़ और कलम से

किसी ने पूछा हमसे क्या लिखते हो तुम कागज़ और कलम से या बिगो देते हो कागज़ को अपने अश्को की दवात से और लिखते हो अपने दर्द भरे दिल की इस कलम से , 
हमने उन्हें बताया लिखते तो है हम कागज़ और कलम से पर है जो गम मेरे ह्रदय की गहराई में वो ही कमबख्त अश्क बन कर निकल आता है,

 मेरे  नेनो  हो कर   हर कागज़ को मेरे आंसुओ की दवात भिगो जाता है,
 और इस दिल के दर्द भरे कलम से मेरी ज़िन्दगी के अफ़साने लिख जाता है… 

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