Wednesday 21 May 2014

दो शब्द मेरी रचनाओ के

1*"खुशी की जगह गम क्यू बार-बार मिलते है, वफ़ा के नाम पर ये धोखे हज़ार मिलते है, मैं तो एक चिराग हू बुझा हुआ, क्यू मुझे जला के बुझाने वाले हर बार मिलते हैं"



2*"मुझे ज़िंदगी में ये सहारे मिले, कुछ दिन चले लोग दोस्त बन के साथ मेरे, फिर एक दिन अचानक दूर मुझसे जाने वालेये  सारे मिले"

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