Tuesday 3 November 2020

मेरी रचना (सैड शायरी)

 ए ज़िंदगी तू कितनी खूबसूरत ह

तेरे होते न किसी की जरूरत है

मिलते हैं रोज़ मुझे अपनी ज़िंदगी कहने वाले
पर बता है मुझे नियत उनकी कितनी बदसूरत है

सैड शायरी

 "भेड़ियों की भीड़ में ये कारनामा करने चले थे

हथेली पर दिल रख फिर मोहब्बत करने लगे थे"

सैड शायरी

 बहुत धोखा देती है किस्मत तू हमें

पर अब मीठी-खुशी से देगी धोखा

और तू यू बस देखती रह जायेगी

सैड शायरी-क्या जुनून झाया

 लिखते लिखते मोहब्बत की कविता

जाने क्या जुनून झाया तुझपे ए मीठी

खुशी की चाहत में ये क्या खता कर दी

शायरों वाली मोहब्बत फ़िर से कर ली

सैड शायरी

 खता उनकी नही खता तो हमारी है

उन्होंने तो सच कहा एक दिन रुसवा कर देंगे

हमने ही मज़ाक समझा तो कसूर हमारा है

सैड शायरी

 ऐ ज़िन्दगी में फ़िर कही बहक न जाऊँ

इस हालात में फ़िर कुछ कर न जाऊँ
एतबार नही रहा अब तुझपर जरा भी
ए ज़िन्दगी तुझसे अब दूर न हों जाऊँ

मेरी कविता

 मेरी कविता



देखो टूट कर कैसे बिखर गए हम


कुछ दूर चले देखे कैसे गिर गए हम


मोहब्बत ढूढ़ने चले थे फिरसे यहाँ


सबकुछ लुटा देखो तन्हा हो गए हम



दे खुशी जहाँ को देखो रोते रह गए हम


अश्क पोछते झूठे मुस्कुराते रह गए हम


शायद यही है तकदीर में तेरी ए मीठी


खुशी की चाहत में हर दर्द सह गए हम