उनसे मिलने की इक आस लिए बैठे हैं
क्या हम फिर... .मोहब्बत कर बैठे हैं
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"ज़िंदगी की राहों पर बहुत गम मिले मुझे
पग-पग दर्द यहाँ हरदम मिले मुझे
दोस्ती कर ली है अब अपने ज़ख़्मो से
इस ज़माने से अश्क़ हर कदम मिले मुझे "
"तेरा दूर जाना नही सताता मुझे इतना
जितना तेरा रूठना मुझे रुला जाता है"
खुद में ही अब खुश रहने लगीं हूँ
अकेले में अब मुस्कुराने लगी हूँ
हो गयी है मोहब्बत अब खुदसे ही
खुदसे ही बातें अब करने लगी हूँ
दुनिया भुला अपनी ही होने लगी हूँ
खुदसे ही जाने क्या अब कहने लगी हूँ
जरूरत नही किसी हमराही की मुझे
मोहब्बत खुदसे ही अब करने लगी हूँ
1-"मुझ में कुछ ऐसे आ गए हो तुम
देखो कैसे मुझमे समा गए हो तुम
जुदा कैसे मानू तुम्हें खुद से अब
मेरे रग रग में अब छा गए हो तुम"
2-" एक खूबसूरत अहसास हो तुम
मेरे लिए बहुत खास हो तुम
दूर हो कितना भले आज मुझसे
पर इस दिलके बहुत पास हो तुम"
उनकी चाहत में कुछ ऐसे बेकरार हो बैठे
इनकार करते करते फिर हम प्यार कर बैठे
सोचा था न दिल लगाएंगे अब कभी हम
लेकिन फिरसे मोहब्बत का इज़हार कर बैठे
जानें क्यों कुछ में मचलने लगी हूँ
कहते कहते क्यों में रुकने लगी हूँ
हुआ था न पहले ये कभी मुझे
खुद से ही मोहब्बत में करने लगी हूँ
रास्तों पर अकेले में टहलने लगी हूँ
खुद से ही बातें मैं अब करने लगी हूँ
खोई रहती हूँ यु अब दुनिया भुला
बस कुछ ऐसे खुश में रहने लगी हूँ
पल-पल ऐसे अब मैं संवरने लगी हूँ
कुछ ऐसे अब में यु निखरने लगी हूँ
हो गयी है आशिक़ी खुद से ही मुझे
ख़ुद पर ही अब तो में मिटने लगी हूँ
"तू है दिल की धड़कन तू ही सुकून है मेरा
तुझ से है ख़ुशी मेरी ....तू ही जुनून है मेरा"