Wednesday 15 September 2021

प्रेम गीत। तुम्हे क्या बताये

 "तुम्हे क्या बताये तुम्हे कितना चाहते हैं

अपनी हर ख़ुशी में तुम्हे ही हम पाते हैं

बिन तेरे.. ये ज़िंदगी क्या है,, अब मेरी

सोच कर जुदाई तुझसे डर हम जाते हैं

 तेरे बिन खुदको.. कैसे हम बहलाते हैं

याद कर तुझे यूँही हम अब  मुस्कुराते है

काश तू समझ पाता मेरे इश्क की गहराई

अब अकेले तेरे बिना.. हम जी नही पाते हैं


तुम्हें क्या बताये तुम्हें कितना चाहते हैं...


याद में तेरी इन आँखोंसे अश्क़ निकल आते हैं

दर्द मोहब्बत का,, हर किसी से हम छिपाते है

कहीं कोई न देदे तुझे इल्ज़ाम मेरे घायल दिलका

दर्द छिपा जहाँ में ..इसलिए बिन बात मुस्कुराते हैं

रोता है तू भी याद में मेरी दिलको ये समझाते हैं

 उनके झूठे वादों से,, खुदको ही हम बहलाते हैं

शायद करता वो भी होगा सज़दा मिलने का हमसे

बस झूठी इसी उम्मीद से.. हम यूँही जिये जाते हैं

तुम्हें क्या बताये..........."





Tuesday 14 September 2021

Love shayri

 "ये ज़रूरी नही रोज़ बात करें हम

ये ज़रूरी नही रोज़ मुलाकात करें हम

प्यार तो हमेशा रहेगा दिलमें हमारे

बस इतना सा ये याद रखें हम"

प्यारी वाली शायरी


इस दर्द का इल्ज़ाम किसे हम दें
मोहब्बत का पैगाम किसे हम दें
दिलदेकर लूट लिया सुख चैन जिसने
ईश्क का हर इम्तेहान किसे हम दें


 

प्यार वाली शायरी



1- हर पल हर जगह तुम नज़र आते हो
पल पल देखो मुझे कितना सताते हो
दिल पूछता है मेरा आखिर क्या है रिश्ता तुमसे
क्यों मुझे इतना तुम तड़पाते हो

2-जी चाहता है सब कुछ भूल जाऊँ में
कुछ ऐसे तेरे सीने से यु लग जाऊँ में




 

प्यार भरी कविता



इज़हार ए मोहब्बत आज हम करना चाहते हैं
मरना नही संग तेरे अब जीना चाहते हैं
रुलाया बहुत ज़िंदगी ने हमें यु तो हर बार 
थाम कर हाथ तेरा अब हम मुस्कुराना चाहते हैं

गिरते गिरते फ़िर आज सम्भलना चाहते हैं
ईश्क की राहों में आज फिसलना चाहते हैं
प्यार में खो कर भुला दूँ खुद को इस कदर
बाहों में आज तेरी कुछ यु मचलना चाहते हैं


 

Tuesday 24 August 2021

प्यार भरी कविता

 ख़फ़ा तुमसे हम हो नही सकते

दूर अब तुमसे हम जा नही सकते

दिलमे बसे हो कुछ यू इस तरह मेरे

तुम बिन अब हम रह नही सकते


दिलकी बात किसीसे कह नही सकते

दर्द जुदाई का अब  हम सह नही सकते

तड़पते है जिसके लिए दिन-रात ऐसे

उससे ये बात देखो हम कह नही सकते


हसना भूल गए हम पर रो नही सकते

आँखे किसीको नम दिखा नही सकते

है दर्द कितना दिलमें मेरे ए हमनशीं

ज़ख्मो पर मरहम भी लगा नही सकते


है मजबूर हम की कुछ कह नही सकते

चुप रहकर यु हम खामोश रह नही सकते

नज़रे बता जाती है मेरी दिलका हाल ऐसे

पर ज़ुबाँ पर नाम उनका ले नही सकते

Love shayri

 "माना तुमसे हो गए हम दूर

न मेरा है इसमें न तेरा है क़सूर

दुनियां की रीत से बंधे हुए हम

जिससे हुए आज हम मज़बूर"