My Stories
this is not only a hindi sher o shayri site, there is also u can see short stories, articals, poetry in ur own language yes off course in hindi......
Monday 1 April 2024
तन्हा सी ज़िंदगी....
Monday 26 February 2024
Romantic shayri
"आज कुछ मुझे, ऐसे खो जाने दो
हर दूरी को तुम, अब मिट जाने दो
शर्म और हया के, बंधन तोड़ कर
साँसों को साँसों से, अब मिल जाने दो"
Sunday 11 February 2024
भूत कौन होते हैं???? लेख
धार्मिक और आध्यात्मिक व्यक्ति- लेख
एक आध्यात्मिक व्यक्ति और धार्मिक व्यक्ति मे बहुत फर्क होता है, आमतौर पर दोनों को एक समझ लेते हैं जैसे- भगवान्, परमात्मा, देवता, और ईश्वर को, किँतु ये सब अलग है, ठीक वैसे ही धार्मिक और आध्यात्मिक व्यक्ति मे फर्क है,।
Monday 5 February 2024
दर्द भरी शायरी
दिल पूछता है, मेरा की मोहब्बत के सिवा, क्या कि खता
बस बेइंतहा, किसी को चाहने की , हर बार क्यों मिली सज़ा
Shayri
ज़िंदगी से दर्द बहुत मिला
पर दिलदार कोई न मिला,
तन्हा ही रहे कुछ ऐसे की
साथ किसीका फ़िर न मिला,
मोहब्बत में हर बार धोख़ा मिला
पर सच्चा प्यार कभी कोई न मिला
दिल तोड़ने वाले आये ज़िंदगी मे
कोई उमर भर साथ देने वाला न मिला
Sunday 4 February 2024
ईश्वर वाणी-299, भगवान् कहाँ है??
हर वो व्यक्ति भगवान् है जो वक़्त पर किसी के काम आया है, मरते व्यक्ति की जान बचाने वाला चिकित्सक भगवान् है, कर्ज मे डूबे व्यक्ति का कर्ज माफ करने वाला भगवान् है, जबकि ईश्वर इनसे उपर है, प्राणी जाती की सहायता हेतु वो मानव निर्मित भगवान् देश, काल, परिस्तिथि अनुसार भेजता रहता है और भेजता रहेगा, उसको पता है बिना भगवान् को जाने ईश्वर को नही जान सकते जैसे की पवित्र बाइबल मे लिखा है बिना पुत्र को जाने पिता को नही जान सकते।
प्राचीन हिंदू मन्दिर, शिव लिंग्, शक्ति पीठ मे कोई प्राचीन मूरत किसी मानविये आकर की नही, समस्त गृह नक्षत्र बस एक आकर गोल ही क्यों है???
इनसे परमपिता पर्मेश्वर् हमें बताता है मै तो स्वम शून्य हूँ, शून्य अर्थात कुछ न हो कर ख़ुद मे संपूर्ण, ब्रमांड का आकर भी विशाल शून्य है, उसको किसी धार्मिक संस्था की आवश्यकता नही। ईश्वर को प्राप्त करने हेतु किसी मानव निर्मित न मूरत आवश्यकता है न धार्मिक स्थल, पवित्र शास्त्र कहते है एक दिन भगवान् के लोक भी नष्ट् हो जायेंगे, फिर तुम मानव निर्मित आरधानालयों के लिए लड़ते हो, सब एक दिन उस परम आत्मा मे विलीन हो जायेगा जिसे परमात्मा कहते हैं, जो ईश्वर से निकला अवश्य है किंतु कभी नाश न होगा जैसे तुम्हारी आत्मा युग युगों तक नाश नही होती, उस परमात्मा में विलीन हो कर फ़िर से भगवान्, देव, गृहों, व मानव, पशु, पक्षी व जीवों की उत्पति होगी, यही शृष्टि का नियम है, अनन्त है जो चलता रहा है चलता रहेगा। 🙏🙏🙏🙏🙏