Monday 11 August 2014

दूर हो कर भी पास .....तुम हो

"दूर हो कर भी पास .....तुम हो,
मेरी ज़िंदगी का अहसास .....तुम हो,
दिन के उजाले में .....तुम हो,
रातो के अंधेरो में .....तुम हो,
मेरी तो हर बात में तुम हो,
हम तो टूट के कब के बिखर जाते,
जो अगर तुम ना हमे मिल पाते,
मेरी ज़िंदगी की मंज़िल भी तुम हो रास्ता भी तुम हो,
मेरी दिल की धड़कन में तुम हो,
मेरी हर साँस में तुम हो,
तुम्हे क्या बताए ए मेरे हमनशीं मेरी तो जीने की वज़ह तुम ही तो हो ....."

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