Friday 20 May 2016

गीत-पायल छनकाती तुम

पायल छनकाती तुम मेरे दिल मैं आती हो
दिल धडकाती हो मेरी नींद चुराती हो,

सपने मैं देखा है मैने अक्सर तुमको ही
करीब आकर क्यों फिर दूर  जाती हो,

शहज़ादी हो तुमतो मेरे बस इस दिल की
दिल की हर धडकन मैं तुम ही रहती हो,

कहती हो कभी कुछ तुम धीरेसे मुझसे
फिर कभी क्यों तुम तो चुप रहती हो,

पायल छनकाती तुम मेरे दिलमें आती हो
दिल धडकाती हो मेरी नींद चुराती हो,

शायद तुमही हो मेरे मन की कल्पना कोई
वज़ूद का अपने क्यों अहसास दिलाती हो,

ढूडता है तुमको ही हर कही भोला दिल मेरा
पर बंद जो करू ऑखे तुम सामने आती हो,

लिखे है मैने तो हर नगमे सिर्फ तुमहारे लिये
इन हर नगमों को तुम क्यो यु गुनगुनाती हो,

पायल छनकाती तुम मेरे दिलमें आती हो
दिल धडकाती हो मेरी नींद चुराती हो-४




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