Friday 14 October 2016

कविता

हर दिन फिर बात पुरानी याद आती है
मीठी को खुशी की याद बहुत सताती है,

गर्मी हो या बरसात दिन या हो ये रात
मीठी तुझे ही बस पल पल बुलाती है,

तेरा ठुकराकर दिल तोड़ जख्म देना
खुशी से किस्मत इसे मीठी कहती है,

दर्द बेवफाई का दिया इस कदर मुझे
वफाई पर मीठी खुशी आज रोती है,

गम छिपा कर जहॉ से अक्सर मीठी
मुस्कान खुशी की बस ये दिखाती है,

हर दिन फिर बात पुरानी याद आती है
मीठी को खुशी की याद बहुत सताती  है"

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