Sunday 28 April 2019

ईश्वर वाणी-272, सूक्ष्म देह का महत्व


ईश्वर कहते हैं, "हे मनुष्यों यद्धपि तुमने  आत्मा व सूक्ष्म शरीर के विषय मे अवश्य सुना होगा, किंतु ये नही पता होगा कि आखिर ये सूक्ष्म शरीर व आत्मा तुम्हारे भौतिक शरीर मे रहती कहाँ है??किंतु आज तुम्हे इसके विषय मे बताता हूँ।
तुम्हारी भौतिक देह के ऊपर एक पारदर्शी परत होती है जो तुम्हारी भौतिक देह को ढक कर रखती है, तथा तुम्हारी आत्मा इस पारदर्शी देह को पार कर तुम्हारे मष्तिष्क व वायु स्थान में रहती है, आत्मा का अपना कोई रूप व आकर नही होता, वो तो वायु व ऊर्जा है, जैसे न वायु दिखती है न ऊर्जा किंतु इनके बिना तुम जीवित नही रह सकते, संसार की कोई भी मशीन इसको नही पकड़ सकती किँतु इस तथ्य को ठुकराना ही मिथ्या है।
जब प्राणी की आत्मा उसकी देह छोड़ कर जाती है तब आत्मा के साथ व्यक्ति का सूक्ष्म शरीर भी आत्मा के साथ भौतिक देह का त्याग कर देता है, आत्मा भौतिक देह से निकल कर और सूक्ष्म देह में निवास करती है जब तक कि उसका उसकी इच्छा से अथवा परमात्मा अर्थात मेरी इच्छा से इस जीवनकाल का समय पूरा नही होता।
यद्धपि जैसे संसार के कई सूक्ष्म जीव जिन्हें व्यक्ति आपनी भौतिक आँखों से नही देख सकते, तथा उन्हें देखने के लिए निम्न यन्त्र की आवश्यकता होती है वैसे ही ,मृत व्यक्ति के सूक्ष्म शरीर को देखने के लिए आध्यात्म अथवा उस व्यक्ति की खुद की इच्छा होना आवश्यक है अन्यथा सूक्ष्म शरीर को देखना असम्भव है,
हे मनुष्यों यद्दपि तुमने सुना होगा जिन लोगो को मृत व्यक्तियों के दर्शन हुए है हकीकत में उन्हें वो उसी कपड़े में दिखाई दिए जो मौत के समय पहने थे, इसका कारण भी यही है व्यक्ति के उपरी हिस्से में उपस्थित उसके सूक्ष्म शरीर मे उन्हें कपड़ो के सूक्ष्म कण आ गए जो व्यक्ति ने मौत के वक्त पहने थे तभी जिन्होंने मृत परिजन व जानकर को देखने का दावा किया है वो उन्हें उन्ही कपड़े पहने दिखे जो म्रत्यु के समय पहने थे।
संसार की प्रत्येक वस्तु की तरह ये भौतिक शरीर भी निम्न अणुओ की देन है, और सूक्ष्म शरीर उन अणुओ की रक्षा करता है किंतु मृत्यु के उपरांत उसको भी इसे छोडना होता है तभी ये भौतिक देह अपने पतन की और अग्रसर होती है।"

कल्याण हो 

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