Friday, 16 August 2024

दर्द भरी शायरी

 अब  हकीकत  से, हसीं  ये ख्वाब लगने लगे हैं

भूले  बिसरे  अपने, वहा हर दिन मिलने लगे हैं

जी चाहता है, एक गहरी नींद मे अब सो जाऊ

ख्वाबो मे सही,मोहब्बत के फूल वहा खिलने लगे हैं

Wednesday, 14 August 2024

Shayri

 जी चाहता है ,एक गहरी नींद मे ऐसे सो जाऊ

न जागू फिर कभी, बस इन ख्वाबो की हो जाऊ

मिलते है हर दिन, पीछे छूट चुके अपने वहाँ मुझे

काश फ़िर उनकी हो जाऊँ, न कभी लौट के आऊँ

दर्द भरी कविता

 मोहब्बत मे हमें,जिस्म के सौदागर बहुत मिले

पग-पग हुस्न के ये, अजीब ठेकेदार बहुत मिले

पर न मिल सका, एक सच्चा हमराही यहाँ हमें
इंसानियत कुचलने वाले, ये दावेदार बहुत मिले

बस इक हसरत थी, कोई हमें भी अपना बना ले
मोहब्बत मे रुस्वा करने वाले, हरबार बहुत मिले

लेकर खुशबू हुस्न की, कुचलना फ़िर सबने चाहा 
ज़िंदा लाश बनाने वाले, बार- बार बहुत मिले

थक चुकी 'मीठी' बातों से, दुनिया की अब यहाँ
'ख़ुशी' दिखा ज़ख़्म देने वाले, सरेबाजार बहुत मिले

मोहब्बत तो नाम अब बन चुका, यहाँ हवस का 
भूख जिस्म की मिटाने वाले, भरे दरबार बहुत मिले

Sunday, 11 August 2024

Pyari shayri

 जी चाहता है ,एक गहरी नींद मे ऐसे सो जाऊ

न जागू फिर कभी, बस इन ख्वाबो की हो जाऊ

मिलते है हर दिन, पीछे छूट चुके अपने वहाँ मुझे

काश फ़िर उनकी हो जाऊँ, न कभी लौट के आऊँ