phool pe jaise mandarate bhavre waise fb pe aashik milte hai, pyar wafa kya hota hai jane na wo, par flirt kr k chat pe jane kitni hi ladkiya pata lete hain.......
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Sunday, 5 August 2012
Saturday, 4 August 2012
Thursday, 2 August 2012
उनकी हर खता पर हम खामोश रहते
उनकी हर खता पर हम खामोश रहते , इसी खामोसी को वो हमारी कमोरी समझ बैठे , हम तो इसलिए कुछ न कहते थे कही टूट ना जाए दिल उनका, बिखर न जाए कोई ख्वाब उनका ,वो हर बार हमे रुलाते रहे बस ये सोच कर उनकी बेरुखी पर भी हम मुस्कुराते रहे ,शायद ये ही कर बैठे एक खता हम , वरना उन्हें भी बता देते दिल तोड़ कर तनहा छोड़ना हमे भी आता है ,पर न चाहत थी उन्हें यु तनहा छोड़ने की हमारी , ना आदत थी किसी को यु सताने की हमारी , बस इस्सी आदत को वो हमारी लाचारी समझ बैठे , और उनकी ख़ुशी के लिए उनके दिए सितम हर पल हम सहते रहते ,उनकी हर खता पर हम खामोश रहते।.........
Saturday, 28 July 2012
रिश्ते

दर्द भरी शायरी
संसार बना लिया
अपने दिल के दर्द को हमने शब्दों का जाम पिला दिया , आँख से बहते अश्को को हमने नदिया के नाम से पुकार लिया ,ख़ुशी तो कभी हमे मिली नहीं पर जो दर्द मिला हमे उसी को अपना संसार बना लिया।
जिंदगी की इस भागमभाग में
जिंदगी की इस भागमभाग में कौन अपना है और कौन पराया मुझे अभी तक ये समझ ही नहीं आया , क्या वो अपने है जो सदा दुःख मुझे देते हैं या वो जो मेरे दुखों का मज़ा लेते हैं ,कोई शख्स इस भागमभाग में मुझे ऐसा न मिला जो पोंछ कर अश्क मेरी आँखों से मुझसे एक बार पूछ सके क्या गम है तुम्हे जो अस्कों को बहाए जाते हो ,क्या बात है जो सबसे छिपाए जाते हो, क्या दर्द है तुम्हे जो किसी को नहीं बताते हो ,क्या बात है जो तुम सबसे छिपाते हो ,इस दुनिया में कोई न मिला मुझे मेरा जिसे मैं अपना कह सकू ,जो है रिश्ते मेरे साथ यहाँ वो हैं सब अपना मतलब साधे हुए , हूँ तनहा यहाँ इस दुनिया में बस एक उम्मीद के साथ जीने पे मजबूर, कभी तो कोई मिलेगा मुझे जो कहेगा मैं तो सिर्फ तेरा हूँ और हमेशा तेरे साथ हूँ मैं।
कभी न सोचा कुछ अपने लिए
कभी न सोचा कुछ अपने लिए , था जो सोचा वो सबके लिए ,कभी न चाहि ख़ुशी कोई अपने लिए जो थी मांगी ख़ुशी उस रब से वो थी सबके लिए , औरों की तरह सिर्फ अपने लिए जीने का कोई अरमान ना था ,जो था अरमान मेरी ज़िन्दगी का वो था सबके साथ रहने का ,पर मेरा नसीबा ही बड़ा बैमान निकला , मैंने तो सबके साथ ख़ुशी बांटने की चाहत की थी पर मुझे ही इस ज़िन्दगी में किसी का साथ ना मिला ,कसूर किसी का नहीं मेरे नसीब का है , इसी में लिखा था अकेले रहना , इसी में लिखा था तनहा जीना , जो था लिखा किस्मत की रेखा में आखिर नसीब से मुझे केवल ये ही तोहफा ही तो मिलना था आज ज़िन्दगी की इस जुस्तजू में मुझे वो ही मिला जो नसीबा ने चाहा था ,मुझे किसी का साथ नहीं बस ज़िन्दगी का खालीपन मिला, मुझे किसी का प्यार नहीं बस तनहाइयों का साथ मिला ,पर न शिकायत है किसी से और ना कोई गिला है खुद से , खुश हूँ मैं अपने ग़मों के साथ क्योंकि खाली नहीं मैं आखिर किस्मत से मुझे कुछ तो मिला है।
duniya ki khatir
Duniya k khatir jane kitno se lad gaye,duniya k khatir apno se dur gaye, duniya k khatir khushiyon se muhh mod gaye, jis duniya k liye hum itne mazboor huye, aur jab jarurat padi hume iss duniya ki to ye duniya wale hume bhool kar jane kis duniya mein chale gaye, na gira ek ashk unki nigaho se aur na tadap thi kisi k dil mei meri bebasi dekh kar, bhool gaye wo jo humne iss duniya k liye kiya, unhone isse sirf mera farz tha ye nam jo isse de diya, jis duniya k liye humne apni khushiyon ki parwah tak na kabi ki wo hi duniya wale mujhe akela chhod jane kahan chale gaye.........
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