Monday, 11 July 2016

kavita

"Tumse mil kar mujhe ye zindgani mil gayi,
Tumse mil kar prem ki ye kahani mil gayi

Adhoori si zindagi thi isse pahle ab talak,
Tumse milkar prem ki har nishani mil gayi,

Dhoondti thi nigahe jise har taraf har kahi,
dekho to jara tumhe tumhari rani mil gayi,

Intzaar mein tere beete Jo din mahine saal,
Tumse mil kar khoyi fir ye jawani mil gayi,

Toot kar bikhar gayi thi 'Meethi' bin tere,
'Khushi' ki ye bandgani mujhe mil gayi,

Tumse mil kar mujhe ye zindgani mil gayi,
Tumse mil kar prem ki ye kahani mil gayi-2"

Thursday, 9 June 2016

ईश्वर वाणी-१४७, ईश्वर को देखना

ईश्वर कहते है " हे मनुष्यों तुम मुझे इन ऑखों से नही देख सकते, क्योंकी ये ऑखे केवल तुम्हें भोतिक वस्तुऔ को दिखाती है,

है मनुष्यों मन की उन ऑखों से तुम मुझे देख सकते हो जो मुझमें तुम्हारा विश्वास जगाती है, इसलिये ऑखे बंद कर सच्चे मन से मुझे याद करने मेरी अराधना करने से ही तुम मुझे देख सकते हो,

तभी जिस भी मार्ग से जिस भी मेरे रूप मैं तुम मुझे पुकारते हो वहॉ ऑखे बंद कर ही मेरी अराधना के विषय मैं तुमसे कहा जाता है ताकी समस्त भौतिकता से नही मन की गहराई और मन की पवित्रता से तुम मुझे देख सको मुझे पा सको,

हे मनुष्यों जिस प्रकार एक पशु अपने मालिक के भौतिक रूप जो नाशवान है पर नही अपितु गुन रूपी वयक्तीत्व को पसन्द करता है  उसी की उपासना और विश्वास करता है, जैसै एक द्रश्टीहीन व्यकती मन की ऑखों से सबको देख सबको सुन्दर देखता है, है मनुष्यों उन्ही ऑखों से तुम मुझे देख सकते हो, यही कारण है जब मैरी स्तुती करते हुये ऑखे बंद कर मुझे अथवा मुझमैं ध्यान लगाने को तुमसे कहा जाता है"


कल्याण हो

Wednesday, 8 June 2016

ईश्वर वाणी-१४६, ईश्वर और शैतान

ईश्वर कहते हैं "हे मनुष्यों तुम्हारे अन्दर की बुराई ही शैतान है, यदि तुम्हारे मन मैं थोड़ी भी कटु भावना और बुराई है, शैतान तुम पर हावी होने की कोशिश करेगा और सम्भव है पूरी तरह वो अपने वस मैं कर तुमसे बुरे और घ्रणित कर्म कराये जिसका दण्ड तुम पाओगे क्यौकि समय रहते तुमने शैतान को खुद पर हावी होने दिया,

यदि समय रहते तुम चेत जाते, भौतिक आन्नद के फेर मै ना पड़ते, ईश्वर की आराधना कर शैतान से खुद को दूर रखने की प्राथना करते निश्चित ही उस पर विजय तुम्हारी होती,

इसलिये है मनुष्यौ अपने अन्दर की बुराई का नाश कर मेरी शरण मैं आ, मै तुझे अन्नत सुख दूंगा!!

Friday, 20 May 2016

गीत-पायल छनकाती तुम

पायल छनकाती तुम मेरे दिल मैं आती हो
दिल धडकाती हो मेरी नींद चुराती हो,

सपने मैं देखा है मैने अक्सर तुमको ही
करीब आकर क्यों फिर दूर  जाती हो,

शहज़ादी हो तुमतो मेरे बस इस दिल की
दिल की हर धडकन मैं तुम ही रहती हो,

कहती हो कभी कुछ तुम धीरेसे मुझसे
फिर कभी क्यों तुम तो चुप रहती हो,

पायल छनकाती तुम मेरे दिलमें आती हो
दिल धडकाती हो मेरी नींद चुराती हो,

शायद तुमही हो मेरे मन की कल्पना कोई
वज़ूद का अपने क्यों अहसास दिलाती हो,

ढूडता है तुमको ही हर कही भोला दिल मेरा
पर बंद जो करू ऑखे तुम सामने आती हो,

लिखे है मैने तो हर नगमे सिर्फ तुमहारे लिये
इन हर नगमों को तुम क्यो यु गुनगुनाती हो,

पायल छनकाती तुम मेरे दिलमें आती हो
दिल धडकाती हो मेरी नींद चुराती हो-४




ईश्वर वाणी-१४४, ईश्वर क्या है


ईश्वर कहते है, "सदियों से मानव समुदाय ईश्वर के अस्तित्व पर सवालिया निशान लगाता रहा है, यदि कुछ बुरा हो जाय तो ईश्वर पर दोष मड दिया जाता है, क्या वो व्यक्ति बता सकता है उसने कितने निरीह जीवो की रक्छा की,
हे मनुष्यो मेरा कोई रूप रंग व आकार नही है मै हर उस प्राणी मै हू जो जरूरतमंद एवं निरीह जीवो की सहायता करते है, उस वक्त वही मेरा रूप रंग व आकार होता है"

Thursday, 5 May 2016

इश्क की महफिल मैं

इश्क की महफिल मैं धोके हज़ार  है,
दूर तलक दिखने पर ये लगती गुलज़ार है,
अश्क और गमों से सजा है इसका हर कोना,
दर्द और आह से यहॉ भरे बज़ार है

Monday, 2 May 2016

kavita

"Aa tujhe dilme basa lu main,
Aa tujhe seene se laga lu main,
Hai itni mohabbat mujhe tujhse,
Aa tujhe palko pe saja lu main,

Aa dhadkan tujhe bana lu main,
Aa sanso mein tujhe chhipa lu main,
Hai ye zindagi tujh bin kya meri
Aa tujhe ab apna bana lu main"

"आ तुझे दिलमें बसा लू मैं,
आ तुझे सीनेसे लगा लू मैं,
है इतनी मोहब्बत मझे तझसे,
आ तुझे पलकों पे सजा लू मै,

आ धडकन तुझे बना लू मैं,
आ सांसों मै तुझे छिपा लू मैं,
है जिन्दगी तुझ बिन क्या मेरी,
आ तुझे अब अपना बना लू मैं"