ईश्वर बताते हैं, "हे मनुष्यों आज तुम्हें मैं त्रिदेवो शाब्दिक अर्थ और उनका तुम्हारे जीवन पर क्या असर पड़ता है वो बताता हूँ, त्रिदेव जिन्हे हिंदू धर्म मे ब्रह्म विष्णु और महेश कहा जाता है, वास्तव मे ये तीन आध्यात्मिक ऊर्जाये है जिनसे आध्यात्मिक और ब्राह्मंदिये कार्य होते हैं, इसी प्रकार तृदेवीयो के विषय मे यही बात है, किंतु tridevi को परमात्मा अर्थात संसार का प्रथम तत्व 'मैं', मैं ही आदि और अनंत, इस ऊर्जा की शक्ति से ही त्रिदेवो का आगमन हुआ, उसी ऊर्जा से आध्यात्मिक और ब्रमांडिये कार्य त्रिदेव संभालते है!
अगर बात की जाए जीव जाती पर त्रिदेवो का असर है तो तुम्हारे विशुद्ध चक्र जो वाणी और सिद्धि का चक्र है, यहाँ वाणी की ऊर्जा और माँ सरस्वती का भी वास है, तुम्हारी वाणी भौतिक और अभोतिक जीवन से तुम्हें जोड़ती है,
आज्ञा चक्र- माथे के ठीक बीच तिलक वाले स्थान को आज्ञा चक्र कहते हैं, ये तुम्हें अभोतिकी जगत से जोड़ता है, किंतु इसमें ही तुम्हारी ये भौतिक आँखे भी आती है जो तुम्हें भौतिक दुनिया और भौतिक सुख की कामना हेतु खीचती है, किंतु तुमने आज्ञा चक्र को ठीक से जागृत कर लिया तो यो भौतिक जगत मिथ्या लगने लगता है, हलकी इसी आज्ञा चक्र से किसी का जन्मो पुराना अतीत, वर्तमान और आने वाले जन्म भी देखे जा सकते हैं, पूर्वनुमं भी इसी चक्र से लगाया जाता है!
सहस्त्रार् चक्र- मस्तिष्क और सर के बालों के उपर के हिस्से को सहस्त्रार् चक्र कहते हैं जो जीवन जाती की जन्म जन्मो यादों के साथ अतीत वर्तमान और भविष्य से जुड़े सही गलत निर्णयो के बारे में बताता है, किंतु ये व्यक्ति को अनंत ब्रमांड से जोड़ कर अनन्त आध्यात्मिक ज्ञान भी प्रदान करता है किंतु इसके लिए इस चक्र का जागृत होना आवश्यक है, और त्रिदेव इन चक्रो को देखते हैं, साधना और सिद्धि और आध्यात्मिक जगत मे जब व्यक्ति प्रवेश करता है तब त्रिदेव इन चक्रो को जागृत संतुलित कर आध्यात्मिक जगत मे आगे बढ़ाते हैं!
विष्णु- विशुद्ध चक्र को जागृत करते हैं, कब किस्से क्या कहना है, कितना कहना या बोलना है वो बताते हैं,
शिव- आज्ञा चक्र को जागृत करते हैं, पूर्वानुमान की शक्ति के साथ व्यक्ति को बताते हैं वो इस जीव देह मे कई बार आ चुका है, ये जीवन मृत्यु कुछ नही, आत्मा ही सर्वोपरि है, भौतिक जगत मे जो दिख रहा है मिथ्या है,
ब्रह्मा- ये अनन्त ब्रमांड से जोड़ कर अनन्त ज्ञान और बौद्धिक ऊर्जा प्रदान करते हैं! आध्यात्मिक विकास करते हैं! "