है इंतज़ार फ़िर किसी का
है ऐतबार फ़िर किसी का
छिपा है कोई बादलों मे कहीं
है इंतज़ार बस उसी का
this is not only a hindi sher o shayri site, there is also u can see short stories, articals, poetry in ur own language yes off course in hindi......
है इंतज़ार फ़िर किसी का
है ऐतबार फ़िर किसी का
छिपा है कोई बादलों मे कहीं
है इंतज़ार बस उसी का
काश कभी किसी रोज़ ऐसे सो जायें,
कितना भी कोई चाहे फ़िर न जाग पाएँ,
जी ले ख्वाबो की दुनिया को जी भरकर यु कि
फ़िर कितना भी कोई पुकारे हम न लौट के आयें
Archana Mishra:
"काश कोई खूबसूरत ,वो शाम हो," रब से माँगी कोई ,इक दुआ हो तुम
या मोहब्बत मे मिली, कोई सज़ा हो तुम
सोचा नही था इश्क मे ,ऐसा मुकाम आयेगा
मुझे छोड़ के किसी और पे, मेहरबाँ हो तुम"
"तेरे लिए, हद से गुज़र जायेंगे,
तेरे लिए ,क्या कुछ कर जायेंगे
तू न लेना ,इम्तिहा मोहब्बत का
बिन तेरे, जीते जी मर जायेंगे"
बहुत कुछ है कहने को ,पर जुबाँ खामोश है
दूर है तुझ से पर इसमें ,न तेरा न मेरा दोष हैटूटे हुए दिलके साथ, जीना सीख लिया
गमो में डूब कर, मुस्कुराना सीख लिया
शायद ज़िंदगी की कला ,अब समझ आई
ज़ख़्म छिपाने के लिए, पीना सीख लिया