Sunday 30 June 2024

दर्द भरी शायरी

 काश कभी किसी रोज़ ऐसे सो जायें, 

कितना भी कोई चाहे फ़िर न जाग पाएँ, 

जी ले ख्वाबो की दुनिया को जी भरकर यु कि

फ़िर कितना भी कोई पुकारे हम न लौट के आयें

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