Thursday 27 June 2024

Romantic love shayri

 बहुत कुछ है कहने को ,पर जुबाँ खामोश है

दूर है तुझ से पर इसमें ,न तेरा न मेरा दोष है
जी चाहता है समेट लू, खुद को तेरी बाहों मे
मोहब्बत तेरी आजभी, करती मुझे मदहोश है

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