Thursday 26 September 2013

लोग कहने लगे है हमसे

"लोग कहने लगे है हमसे  की हमने  उनसे बात करना छोड़  दिया है, ज़रा वो झाँक के  तो देखे मेरे दिल में जिसमे धड़कन तो है पर इसने भी तो  धड़कना छोड़  दिया है "

लोग पूछते हैँ मुझसे

"लोग पूछते हैँ मुझसे कि आखिर क्येँ गुमसुम हूँ मैँ, कैसे समझाऊ उन्हेँ खुद को सम्भालने की कोशिश मेँ ही चुपचुप बैठी हूँ मेँ"

काली छाया

"जब जब मेँने उस काली छाया को देखा है तब-तब उसने मेरे बच्चैँ को मुझसे छीना है, सुना है मेने सती सावित्री के बारे मेँ जो यमराज से भी छीन लायी अपने पति के प्राण, हम नही थे इतने महान जो बचा सकते उनकी जान, वो काली छाया छीन ले गयी उन्हेँ हमसे बिलखता छोड़ कर हमे और बना गयी इतना बेबस इन्सान"

ए मौत तू खुद पे मत इतरा इतना

"ए मौत तू खुद पे मत इतरा इतना, नही  है कोई शक्ति तुझमे, मत कर तू खुद पे घमंड इतना, तेरी हर तरफ मुझे तो बस बेबसी ही देखती है,

तुझे तो बहानो का सहारा लेना पड़ता है किसी के  पास आने क लिए, तू तो कमजोर है इतनी की अकेले कही आ जा तक नई सकती, तुझसे बेहतर तो है ये ज़िंदगी जिसमे भले ना हो कोई वज़ह ज़ीने की फिर भी चलती जाती है,बस एक तू ही निरबल वास्तु है जो इतराती तो खुद पे खूब है पर कही जाने क लिए किसी बहाने को साथ लेने पर भी बड़ी मज़बूर है,

ए  मौत अब तो मान ले मेरी बात यू इठलाना छोड़  दे, जो पल मिले है साथ जीने के  इन्हे अपनो के   साथ बिताने दे, चलने को तैयार  हूँ संग तेरे बिना बहाने के  बस तू भी कर वादा  मुझसे यू सबको  अब तू डरना छोड़  दे  "

Tuesday 24 September 2013

ishwar ne har dafa usiko mujhse chhina hai

"ishwar ne har dafa usiko mujhse chhina hai jo mujhe duniya mein rab se bhi jyada aziz raha hai, shayad jalta hai rab meri meethi khushi se tabhi usne meri jine ki har wazah ko har dafa chhina hai, khud ko param dayalu kahta hai wo par sach to ye hai ki sirf ek pathhar k siwa aur kuch nahi hai, jine ki wazah dikha kar usse chhin lena yehi uski aadat hai ye hi uski niyat hai aur ye hi uski fidrat hai('$')"

jo juda na sake fir kabhi hum unse unka saath sirf bas aisa chahiye

"mujhe to tere pas aane ki bas wazah chahiye, jo chhina hai tune mujhse uske paas rahne ki jagah chahiye, thak chuke hai chalte chalte bahut hm ab to sukun se baithne ke liye bas ek kinara chahiye, royi hai meri aankhe jiski judai par, aah uthti hai seene mein jiski har wafai par, bas jine par na sahi marne k baad hi sahi jo juda na sake fir kabhi hum unse unka saath sirf bas aisa chahiye"

जीने की कोई आस नही दिखती,


"जीने की कोई आस नही दिखती, बेवजह सी है ये जिंन्दगी लगती,ऐ मेरे खुदा जरा तू अब तो सुनले मेरी ये फरियाद बुला ले मुझे तू अपने पास"