Wednesday 18 June 2014

सबके सब भूल गये मुझे मेरे दोस्त



1* "उनसे मेरी फिर मुलाकात हुई, उनसे मेरी फिर बात हुई, हम तो डूबे थे कल तक अकेले तन्हाइयो के अंधोरे में, मिल कर उनसे आज फिर खुशियो की बरसात हुई"



2* "मेरे सपनो के राजा अब तो सामने तू आजा, ना भले संग तेरे घोड़ा और हाथी हो, ना भले संग तेरे साथी हो, ना भले संग बैँड बाजा और बाराती हों, चुपके से आकर इस दिल में तू समाजा, कैद कर लू तुझे  अपनी साँसों  के कैदखाने मैँ, एक बार तू  मेरे  नजरों के सामने तो आजा........."



3* "एक परी हूँ मैं, आसमान से आ कर तुम्हारे सामने आज खड़ी हूँ मैं, माँगो जो माँगना है तुम्हे मुझसे, तुम्हारे लिए ही तो जन्नत छोड़ इस ज़मीन पे उतरी हूँ मैं"


4* "हर दुख-सुख में साथ निभाते है दोस्त, गेर हो कर भी कितने अपने होते है ये दोस्त, दिल टूटे या अपना कोई छूते, हर कदम पे साथ निभाते है दोस्त, बहते हुए अश्क़ो को पोच खुद रो जाते है दोस्त, मंज़िल भले हो सबकी अलग, हो रास्ते भले सबके अलग, दूर जा कर भी दिल के पास सदा रहते है दोस्त, हर ग़लती और खता को मुस्कुरा कर भुला देते है दोस्त, जब चलती है साँसे ज़िस्म में तब तक निभाते है साथ ये दोस्त, जुड़ा हो कर भी पल-पल पास रहते हैं दोस्त,

किस्मत से शिकायत  है मेरी इतनी सी की आख़िर मुझे क्यों ना दिए ऐसे दोस्त, बेवफा आशिक की तरह मेरी वफ़ा-ए-दोस्ती भुला कर अपनी ज़िंदगी में ऐसे मसगूल हुए वो के सबके सब भूल गये मुझे मेरे दोस्त"

Sunday 15 June 2014

(वो कौन थी?)


"सूनी सड़क और ये काली रात थी, भीगी हुई थी ये धरती  क्या बरसात थी, अंधेरी रात में, 

सुनसान स्थान में जाने कौन वो मुझे पुकरती थी, ना था निशान दूर-2 तक जहाँ इंसान का 

वहा वो थी कौन जिसके पुकारने की आवाज़ हर पल मुझे  आती थी, जब सुन कर उस आवाज़ को 

जाने लागू में पास उसके वो दूर और जाने कहाँ ले जाती थी, सुनसान सड़क और अंधेरी रात में 

पुकार कर बार-बार मुझे  ही भटकाती थी, चल कर उस आवाज़ की ओर भी वो कभी ना मुझे 

अपनी छवि दिखलाती थी, थी कौन वो कोई पारी या अप्सरा, थी कौन वो किसी प्रेत या चुड़ेल का साया, 

बहुत ढुंडा उसे उन रास्तो पर कभी ना पड़ी खुद को मुझे दिखलाती थी, सूनी और उन

 सुनसान राहों पर जाने क्यों और किसलिए मुझे बुलाती थी, ना पता मुझे मकसद के उसके 

और ना पता वो थी कौन, पर मेरी ज़िंदगी की आखरी सांसो के थमने तक मुझे अपने पास बुलाती थी" 
(वो कौन थी?)

बरसो बाद मुझे तेरी याद आई है

"बरसो बाद मुझे तेरी याद आई है, बरसो बाद इन आँखो से अश्क बन कर मुझसे मिलने तू आई है,

 बरसो बाद मिली मुझे ये  तन्हाई है, बरसो बाद मिली मुझे तुझसे ये  जुदाई है,

 बरसो बाद क्यों की तूने मुझसे ये बेवफ़ाई, वादा उमर भर साथ जीने का था तेरे, पर क्यों मेरे लिए तूने ही अपनी ये ज़िंदगी गवाई  है,

 बरसो बाद क्या तूने दी मेरी मोहब्बत की ये  वफ़ाई है, दिल पूछता है मेरा ए मेरी दिलरूबा

 बरसो बाद भी क्यों तू मेरे प्यार को ना समझ पाई है, रहे जुदा तू मुझसे चाहे जन्मो जनम ए मेरे हमदम 

पर मेरी तो हर साँस में यूगो यूगो से सिर्फ़ तू ही तो समाई है, सिर्फ़ तू ही तो समाई है"

तू ही मेरा प्यार है

"तू ही मेरा प्यार है, 
तू ही मेरा संसार है, 
तू ही तो जीवन का सार है, 
और क्या  बताऊ  तुझे ए बेवफा 
तू ना सही पर तेरी यादो के बगेर 
जीना मेरा बेकार है.."

ये ज़हर पीना मुझे अच्छा लगता है,

नशे में डूबे जाना मुझे अच्छा लगता है, ये ज़हर पीना मुझे अच्छा लगता है,
 चलते हुए इन राहों में यू लड़खड़ा कर गिर जाना  मुझे अच्छा लगता है,

 पी कर इस ज़हर को दुनिया भुला देना मुझे अच्छा लगता है, 
हो कर बेख़बर ज़हां से नशे को गले लगाना मुझे  अच्छा लगता है, 

भुला कर सबको बस इस नशे में रहना मुझे अच्छा लगता है,
 टूटे हुए दिल में इससे दिल लगाना मुझे  अच्छा लगता है,

 हर गम में दवा बना कर इसे पीना अच्छा लगता है,
 ज़िंदगी से हार कर ज़िंदगी इसे बनाना मुझे अच्छा लगता है, 

हर दर्द में सहारा लेना इसका ही मुझे अच्छा लगता है,
 भूख लगे या प्यास बस नशे में रहना ही मुझे अच्छा लगता है,

 लोग दूर जाए या रहे मेरे पास मुझे तो बस नशे में  खोये रहना अच्छा लगता है
,नशे में डूबे जाना मुझे अच्छा लगता है,ये ज़हर पीना मुझे अच्छा लगता है,

Thursday 12 June 2014

तेरे बिन क्या है जीना, क्या है जीना तेरे बिन, बिन तेरे हूँ भला क्या मैं, क्या हूँ मैं तेरे बिन,

तेरे बिन क्या है जीना,
  क्या है जीना तेरे बिन,

बिन तेरे हूँ भला क्या मैं,
 क्या हूँ मैं तेरे बिन,



तेरे बिन कही चेन मुझे मिले न,
  चेन ना आये कही  तेरे बिन,

बिन तेरे मिले न सुकून मुझे, 
कही सुकून ना आये मुझे बिन तेरे,



तेरे बिन दिन न कटे, 
न कटे ये दिन भी तेरे  बिन,

बिन तेरे न रात कटे,  
न कटे ये रात भी बिन तेरे,


तेरे बिन न है ये सुबह मेरी,
 न है ये सुबह मेरी तेरे बिन,

बिन तेरे है हर शाम से ये दूरी मेरी,
 है अब दूरी मेरी हर शाम से बिन तेरे,



तेरे बिन न है ख़ुशी मेरी, 
न है ख़ुशी मेरी  तेरे बिन,

बिन तेरे न है इन लबों पे हसी,
 न है हसी इन लबों पे बिन तेरे,


तेरे बिन टूट कर बिखर गयी है
 हर जगह हर कही ये  "मीठी-ख़ुशी ",

 बिखर गयी है टूट कर
 हर कही हर जगह' तेरे बिन, 


बिन तेरे जाने कहाँ
 खो गयी है ये 'मीठी-ख़ुशी', 

जाने कहाँ खो गयी  है बिन तेरे,

तेरे बिन न इसे चेन मिले, 
न मिले चेन इस तेरे बिन,

तेरे बिन पुकारती है ये तुझे हर कही, 
कहती रहती है बस ये है,

तेरे बिन क्या है जीना,
 क्या है जीना तेरे बिन,

बिन तेरे हूँ भला क्या मैं, 
क्या हूँ मैं तेरे बिन,


तेरे बिन क्या है जीना,
 क्या है जीना तेरे बिन,

बिन तेरे हूँ भला क्या मैं, 
क्या हूँ मैं तेरे बिन,



बाबू जी धीरे चलना

1*"मेरी जान भी तू है, मेरा हर अरमान भी तू है, मेरी शान भी तू है, मेरी पहचान भी तू है, मेरा घुमान भी तू है, मेरा अभिमान भी तू है, तुझे और क्या बताऊ ऐ मेरे नन्हे शैतान मेरी तो जिन्दगी की हर सुबह और शाम भी तू है, तेरा बिना कुछ भी नही मैँ, मेरा तो ईमान भी तू है, मेरा ये जहाँ भी तू है", for my Putwa(Boss) my baby my grandson



2*"तुझे भूल जौ मैं ये मुझे गवारा नही, तेरे बिन रह सकु

मैं एक पल मुझे ये गवारा नही,

साथ मेरे दुनिया है पर थाम के चालू हाथ किसी और का मुझे ये गवारा नही,

गुज़ारनी पड़े मुझे ये ज़िंदगी चाहे तन्हाइयो के अंधेरो में

पर तेरे सिवा किसी और का सहारा भी मुझे ये गवारा नही"



3*"एक कानीए से प्यार किया, 

उससे नज़र को तीन किया

 हाए रे हमने ये क्या किया,

काने नैने वाला निकला लुटेरा,

 छीन के हर खुशी मेरी मूह ऐसा फेरा,

जाने क्या देख मैने उसपे ऐतबार किया,

 सबने मुझसे माना किया  

पर फिर भी मैने उसी से ही प्यार किया,

 हाए रे हमने ये क्या किया" 


4* "बाबू जी धीरे चलना नेट पे ज़रा संभलना, बड़े धोखे है इस नेट पे, दोस्ती करने से तुम तोड़ा सा डरना, बाबू जी धीरे चलना"