Friday 31 October 2014

आज मिले हों दो अजनबी ऐसी फिर मुलाकात हुई

फिर ऐक वक्त के बाद उनसे मेरी बात हुई, 
थे वो कभी करीब इतना दिलके,
 आज मिले हों दो अजनबी ऐसी फिर मुलाकात हुई

Tuesday 28 October 2014

होसला मैंने रखा है


"हूँ तन्हा कितनी मैं पर ज़िंदगी जीने का होसला मैने रखा है,
खड़ी हूँ अकेले इन रस्तो पर लेकिन अकेले ही चलने का होसला मैने रखा है,
टूट कर बिखर गये है ख्वाब मेरे पर पॅल्को पर उन्हे आज भी सज़ा रखा है,
मिली है ठोकरे ही मुझे इस ज़हन में फिर भी खड़े होने का होसला मैने रखा है,


दिए है गम और अश्क ही मुझे हर इंसान ने फिर मुस्कुराते रहने का होसला मैने रखा है"


हॅपी दीवाली विथ स्वीट

"जगमग दीपो वाली आई रात निराली, चहक रहा हर नुक्कड़ आज चमक रही हर गली, सज़ा हुआ है हर आँगन आज बनी हुई है रंगोली,
विराजे लक्ष्मी-गणेश आज यहा इसी उम्मीद में साज़í हुई है पूजा की थाली,
गूँज उठा है पटाखो से हर द्वार छाई  हुई फुलझड़ियो की लाली,

देख नज़ारे आज के अर्चू कहे आप सबको हॅपी दीवाली विथ  स्वीट "

Sunday 19 October 2014

मेरा गीत

ए दिलरुबा तू ये तो बता हो गया क्यों तू मुझसे जुड़ा,
क्यों बन गया तू यू बेअवफा, 
कमी क्या लगी तुझे मेरी आशिकी में,-२ 

 हुई क्या ख़ाता मुझसे मेरी दीवानगी में,
  दे कुछ वज़ह हां दे कुछ वज़ह,
 ए दिलरुबा ए दिलरुबा कुछ तो बता तू कुछ तो बता

, ए मेरी हमनशीं दे कुछ तो वज़ह, 
ए मेरी हमनशीं दे कुछ तो वज़ह,
 ए मेरी ज़िंदगी ना रूठ कर तू यू दूर जा, ना दूर जा,

 टूट कर बिखर रहा हूँ हर रोज़ यहाँ में तेरे बगेर,
 आ थाम कर हाथ मेरा लग जा गले हा लग जा गले
, ना दूर जा, ना दूर जा, ना दूर जा, अब ना और तू मुझे यू सता,-२ 

 ना दूर जा ना दूर जा, आ लौट आ आ लौट आ, 
ना रह सकूँगा तेरे बिन अब तो मैं, ना जी सकूँगा तेरे बिन अब तो मैं, 
ना बन तू यू बेवफा, ना ब आन तू यू बेवफा, ए दिलरुबा ए दिलरुबा , -२ 



ए दिलरुबा तू ये तो बता हो गया क्यों तू मुझसे जुड़ा,
क्यों बन गया तू यू बेअवफा, 
कमी क्या लगी तुझे मेरी आशिकी में,-२ 

एक दफ़ा मूड कर तो देख ए मेरी ज़िंदगी

बदले हो तुम या बदला ये ज़हाँ लगता है,
छिप गया है आसमान में कही ये चाँद लगता है
,रूठ कर तेरे यू जाने से जीवन मेरा वीरान लगता है,
 एक दफ़ा मूड कर तो देख ए मेरी ज़िंदगी
 बिन तेरे घर भी ये मेरा शमशान लगता है 


उसी बेवफा दिलबर की याद आज इस दिल को फिर आई है

आज फिर इस दिल ने ली अंगड़ाई है,
 आज फिर मेरी आँख भर आई है
, भुला देना चाहते जिसे हम, 
 दूर जाना चाहते हैं जिससे हम, 
उसी बेवफा दिलबर की याद 
आज इस दिल को फिर आई है 

है अधूरी मेरी सांसो की डोर बिन दोस्ती के तुम्हारी

है खुदा से ज़्यादा प्यारी दोस्ती तुम्हारी, 
है ज़िंदगी से प्यारी दोस्ती तुम्हारी, 
ना होना कभी खफा  मुझसे  ए मेरे दोस्त,
 है अधूरी मेरी सांसो की डोर बिन दोस्ती के तुम्हारी