Sunday 19 October 2014

उसी बेवफा दिलबर की याद आज इस दिल को फिर आई है

आज फिर इस दिल ने ली अंगड़ाई है,
 आज फिर मेरी आँख भर आई है
, भुला देना चाहते जिसे हम, 
 दूर जाना चाहते हैं जिससे हम, 
उसी बेवफा दिलबर की याद 
आज इस दिल को फिर आई है 

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