Sunday 19 October 2014

जीतनी है अगर ज़ंग ज़हाँ से तो अपनी हर कमज़ोरी छिपाए रखना


"सदा मुस्कुरा कर गम को छिपाए  रखना,
नम हो आँखे जितनी भी अश्को को छिपाए  रखना,
दर्द जितना भी दे ये ज़िंदगी आह  को छिपाए  रखना,
है लोग नही यहा सहारा देने वाले,
है सब यहा मज़बूरी का फ़ायदा लेने वाले,
जीतनी है अगर  ज़ंग ज़हाँ से तो अपनी हर कमज़ोरी छिपाए रखना"




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Thanks and Regards
   *****Archu*****

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