Monday 9 November 2020

मोहब्बत तो सच्ची



"मोहब्बत तो हर बार सच्ची ही की थी मैंने

लोग ही झूठे निकले तो कसूर किसका था"




Saturday 7 November 2020

सैड शायरी



 1-ए ज़िंदगी तू मुझे सता बहुत रही है


पल पल तू मुझे क्यों यु रुला रही है

अब नही रही मोहब्बत तुझे शायद

ज़ख्म दे तू खड़ी बहुत मुस्कुरा रही है


2-"लोग कहते ए ज़िंदगी तुझमे अब वो बात नही है
शायद अब मुझे तुझसे मोहब्बत नही है"


3-"कहने को ज़माने से, अब सिर्फ अपनी कहानी है
टूटा है दिल ये मेरा, और आँखों  सिर्फ पानी है
रोती अश्क बहाती 'मीठी-खुशी' के लिए क्यों
दर्द छिपा मुस्कुरा, क्योंकि यही तेरी ज़िंदगानी है

न दिखा ज़ख्म को अपने, तू तो दर्द की रानी है
 न कर उम्मीद किसीसे, आखिर इश्क की तू दानी है
उठ खड़ी हो 'मीठी-खुशी' के साथ और करके दिखा
है तेरी ही ये जिंदगी, जिसकी सिर्फ तू महारानी है

बढ़ आगे भुला सब, ज़िन्दगी है तेरी न कि ये बेगानी है
आखिर अश्क बहाती तू क्यों, करती फिर ये नादानी है
ये तो ज़माने की रीत है पगली 'मीठी' इश्क में अब
'खुशी' के बदले ,अश्को की लड़ी ही यहाँ सबको बहानी है"

Thursday 5 November 2020

Romantic shayri

 दूर तुम से हम जाये  कैसे

तुम को हम भुलाये कैसे
 रूह में बस गए हो तुम हमारी
 हाल-ए-दिल ये बताये कैसे

Wednesday 4 November 2020

सैड शायरी-खुदसे हार गई मीठी

 आँखों मे नमी और दिलमें दर्द है


ये ज़माना देखो कितना हुआ बेदर्द है


सबसे जीती खुदसे हार गई 'मीठी'


'खुशी' की बात कह झूठे मिले हमदर्द है

सैड शायरों-कब कौन सी बात

 न जाने कब कौन सी बात अधूरी रह जाये

न  जाने  किस रात की  सुबह  न आये

जी लूँ तुझे  जी भर  कर ए मेरी ज़िंदगी

शायद  फ़िर तू  मुझे कभी  मिल  न पाए

Tuesday 3 November 2020

मेरी रचना (सैड शायरी)

 ए ज़िंदगी तू कितनी खूबसूरत ह

तेरे होते न किसी की जरूरत है

मिलते हैं रोज़ मुझे अपनी ज़िंदगी कहने वाले
पर बता है मुझे नियत उनकी कितनी बदसूरत है

सैड शायरी

 "भेड़ियों की भीड़ में ये कारनामा करने चले थे

हथेली पर दिल रख फिर मोहब्बत करने लगे थे"