Thursday 23 January 2020

हार्ट ब्रोकन शायरी

1- "नफरत है इस दिलसे मुझे इसने तो बस दोखा दिया है
धड़का मेरे सीने में और नाम किसी गैर का लिया है"


2-"तुमसे कोई शिकवा नही मुझे शिकवा तो खुद से है
जो तुम दे सकते थे मुझे आखिर वही तो मुझे दिया
ख़ता खुद से है कि आखिर मैंने तुम पर ऐतबार क्यों किया"


2-" अच्छा हुआ वक्त रहते फितरत पता चल गई तुम्हारी
वरना मासूमियत में हम जाने क्या कुछ कर जाते"

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