Monday 8 July 2024

Sad shayri

 दर्द  सहकर भी अब रोना नही आता

ख़ता उसकी है ये कहना नही आता

ज़ख़्म दे कर कहते है वो अक्सर मुझे

मोहब्बत मे तुम्हें रहना नही आता


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