Wednesday, 22 April 2020

ईश्वर वाणी-283, अगली यात्रा की पूँजी

ईश्वर कहते हैं, "हे मनुष्यों ये तुम्हारा जीवन बहुत ही छोटा है, मेरे अतिरिक्त कोई नही जानता कि कब कैसे तुम्हे इस जीवन यात्रा को समाप्त कर दूसरी यात्रा प्रारंभ करनी है।

इसलिये हे मनुष्यों जैसे तुम अपनी कमाई धनराशि से कुछ धन बचा कर भविष्य के लिए एकत्रित करते हो, उसी तरह अपनी नई जीवन यात्रा हेतु भी अभी से धन एकत्रित करना आरम्भ कर दो।

आत्मा रूपी जीव के लिए प्रतिदिन अनेक सत्कर्म रूपी धन को एकत्रित करना अभी से आरंभ कर दो ताकि जब तुम्हारी आत्मा अपने कर्मानुसार स्वर्ग, नरक व ईश्वसरिये लोक का भोग प्राप्त कर पुर्नजन्म रूपी नए भविष्य में प्रवेश ले तो पिछले जन्मों की कर्म रूपी पूँजी उसके साथ हो।

तुम्हारे अभी से किये अच्छे कर्म ही तय करते हैं कि तुम्हे अगला जीवन कौन सा और क्या मिलेगा, दुःख सुख भी तुम्हारे आज के जीवन से ही भविष्य रूपी पुनर्जन्म के ही लिए ये तय करता है।

किंतु जो मनुष्य पुनर्जन्म में विश्वास नही करते उन्हें भी ये अवश्य जान लेना चाहिए कि तुम्हारे कर्म ही तुम्हारी धरना अनुसार ही स्वर्ग, नरक व ईश्वसरिये लोक का भोग कराएंगे इसलिए सिर्फ सत्कर्म करो और आगे बढ़ो।"

कल्याण हो

Tuesday, 21 April 2020

मेरा गीत मेरी कविता

धीरे-धीरे खुद से ही में जुड़ने लगी हूँ

ऐ ज़िंदगी तुझसे ही मोहब्बत करने लगी हूँ


भूल चुकी थी मुस्कुराना मैं

खो चुकी थी यु हँसना में

खुद से ही बात करने लगी हूँ

धीरे-धीरे खुद से ही में जुड़ने लगी हूँ

ऐ ज़िंदगी तुझसे ही मोहब्बत करने लगी हूँ



गिर कर संभलना सीखने लगी हूँ

खुद से ही दिल लगाने लगी हूँ

'खुशी' ढूंढती थी जो दूसरो में

'मीठी' सी आवाज़ में गुनगुनाने लगी हूँ


धीरे-धीरे खुद से ही में जुड़ने लगी हूँ

ऐ ज़िंदगी तुझसे ही मोहब्बत करने लगी हूँ


दर्द ज़माने के भूल कर

खुद में ही खुदको खो कर

अब फिर महकने लगी हूँ


धीरे-धीरे खुद से ही में जुड़ने लगी हूँ

ऐ ज़िंदगी तुझसे ही मोहब्बत करने लगी हूँ



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Sunday, 19 April 2020

रोमांटिक शायरी

कैसे बताऊ तुम्हें दिल की ये मज़बूरी
कैसे समझाऊ तुमसे मिलना है जरूरी
नही लगता ये दिल कही तुम बिन मेरा
आजाओ बाहों में मेरी न रखो और दूरी

रोमांटिक हिंदी शायरी

तुमसे मिलने की आस दिलमे है
तुमसे मिलन की प्यास दिल मे है
कब होगी ये दूरियां खत्म हमारी
पल-पल तुम्हारा अहसास दिलमे है

मेरा गीत-ए दिल आज जरा

ए दिल आज जरा ये पुकार सुन

धड़कन तुझसे क्या कहती है, ये आवाज़ सुन

आज बहका सा है कुछ दिल मेरा

आज महका सा है ये जीवन मेरा

तुमने थामा हाथ तो

खिल उठा दिल का हर कोना


खुशी की ये फुहार सुन

ए दिल आज जरा ये पुकार सुन

धड़कन तुझसे क्या कहती है, ये आवाज़ सुन


तुमसे पहले थी ज़िन्दगी में सिर्फ तन्हाई

मिली मुझे तो सबसे ही सिर्फ रुसवाई

तुम न होना अब जुदा कभी मुझसे

ए मेरे हमदम न छोड़ के फिर तुम जाना



ए मेरे दिलबर सदा बनकर मेरे रहना

बहती हवा की मीठी पुकार सुन

ए दिल आज जरा ये पुकार सुन

धड़कन तुझसे क्या कहती है, ये आवाज़ सुन

Friday, 10 April 2020

Meri kavita

"ए वक़्त किया तूने कितना मजबूर है

अपनी मोहब्बत से हुए कितना दूर है

पर तू वक्त है बीत जायेगा एक दिन

फिर छाया कैसा तुझे खुदपे ये  गुरुर है


हालात से बाँध हुआ तू बड़ा मगरूर है

आज ऐसे इन्तजार में बैठे हम जरूर है

पर तू वक्त है बीत जायेगा एक दिन

फिर छाया कैसा तुझे खुदपे ये  गुरुर है"

Tuesday, 31 March 2020

Jay mata di

तुम बिन अधूरी है मेरी ज़िंदगानी

तुमसे ही शुरू है मेरी हर कहानी

करना माफ़ हर खता तुम मेरी

तुम हो जगतजननी मेरी माता रानी


जय माता दी


माता रानी सबकी रक्षा करें

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