बहुत कुछ है कहने को ,पर जुबाँ खामोश है
दूर है तुझ से पर इसमें ,न तेरा न मेरा दोष हैजी चाहता है समेट लू, खुद को तेरी बाहों मे
मोहब्बत तेरी आजभी, करती मुझे मदहोश है
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बहुत कुछ है कहने को ,पर जुबाँ खामोश है
दूर है तुझ से पर इसमें ,न तेरा न मेरा दोष हैटूटे हुए दिलके साथ, जीना सीख लिया
गमो में डूब कर, मुस्कुराना सीख लिया
शायद ज़िंदगी की कला ,अब समझ आई
ज़ख़्म छिपाने के लिए, पीना सीख लिया
अपने हो कर भी गेर लगने लगे हो,
पास रह कर भी दूर होने लगे हो,तेरे इश्क मे आज एक कहानी लिख दूँ
मोहब्बत की दास्ताँ जुबानी लिख दूँ
तू हो राजा मेरा और बनू मे तेरी रानी उसमे
नाम तेरे अपनी ये ज़िंदगानी लिख दूँ
एक सदी से इंतज़ार था ,किसी का
जिससे कुछ दिल की बात, कह तो ले
इंतजार था बस उस एक ,हमनशीं का
जिसके कंधे पे सर रख कर, रो तो ले
है आज भी तन्हा ,बीते कल की तरह
न मिला जिससे हाल ए दिल, कह तो ले
जिसको बनाना चाहा, राजगार दिलका
चला गया कहकर, तेरा दर्द हम ले क्यों ले
है अल्फाज़ बहुत सारे, बयां करने को
कोई नही ऐसा जो, इन्हे कभी सुन तो ले
खुद रोते हैं खुद ही ,अश्क पोछ लेते है
मेरे रोने की वज़ह, काश कोई पूछ तो ले
रोज़ टूटते है रोज़ बिखरते है ,जिनके लिए
काश कभी यु बिखरा हुआ, मुझे देख तो ले
"काश इक झलक हम तुझे देख तो लेते,
कुछ पल इस ज़िंदगी के जी तो लेते,
रुलाया बहुत है अपनो ने गेर बना कर
काश साथ किसी गेर के हम मुस्कुरा तो लेते"
वक़्त मिले तो मुलाकात कर लेना,
बस कुछ थोड़ी सी बात कर लेना,
तेरे सीने से लगने की हसरत है मुझे,
बाहों मे भर कर ये खुराफात कर लेना"