Sunday 15 June 2014

(वो कौन थी?)


"सूनी सड़क और ये काली रात थी, भीगी हुई थी ये धरती  क्या बरसात थी, अंधेरी रात में, 

सुनसान स्थान में जाने कौन वो मुझे पुकरती थी, ना था निशान दूर-2 तक जहाँ इंसान का 

वहा वो थी कौन जिसके पुकारने की आवाज़ हर पल मुझे  आती थी, जब सुन कर उस आवाज़ को 

जाने लागू में पास उसके वो दूर और जाने कहाँ ले जाती थी, सुनसान सड़क और अंधेरी रात में 

पुकार कर बार-बार मुझे  ही भटकाती थी, चल कर उस आवाज़ की ओर भी वो कभी ना मुझे 

अपनी छवि दिखलाती थी, थी कौन वो कोई पारी या अप्सरा, थी कौन वो किसी प्रेत या चुड़ेल का साया, 

बहुत ढुंडा उसे उन रास्तो पर कभी ना पड़ी खुद को मुझे दिखलाती थी, सूनी और उन

 सुनसान राहों पर जाने क्यों और किसलिए मुझे बुलाती थी, ना पता मुझे मकसद के उसके 

और ना पता वो थी कौन, पर मेरी ज़िंदगी की आखरी सांसो के थमने तक मुझे अपने पास बुलाती थी" 
(वो कौन थी?)

बरसो बाद मुझे तेरी याद आई है

"बरसो बाद मुझे तेरी याद आई है, बरसो बाद इन आँखो से अश्क बन कर मुझसे मिलने तू आई है,

 बरसो बाद मिली मुझे ये  तन्हाई है, बरसो बाद मिली मुझे तुझसे ये  जुदाई है,

 बरसो बाद क्यों की तूने मुझसे ये बेवफ़ाई, वादा उमर भर साथ जीने का था तेरे, पर क्यों मेरे लिए तूने ही अपनी ये ज़िंदगी गवाई  है,

 बरसो बाद क्या तूने दी मेरी मोहब्बत की ये  वफ़ाई है, दिल पूछता है मेरा ए मेरी दिलरूबा

 बरसो बाद भी क्यों तू मेरे प्यार को ना समझ पाई है, रहे जुदा तू मुझसे चाहे जन्मो जनम ए मेरे हमदम 

पर मेरी तो हर साँस में यूगो यूगो से सिर्फ़ तू ही तो समाई है, सिर्फ़ तू ही तो समाई है"

तू ही मेरा प्यार है

"तू ही मेरा प्यार है, 
तू ही मेरा संसार है, 
तू ही तो जीवन का सार है, 
और क्या  बताऊ  तुझे ए बेवफा 
तू ना सही पर तेरी यादो के बगेर 
जीना मेरा बेकार है.."

ये ज़हर पीना मुझे अच्छा लगता है,

नशे में डूबे जाना मुझे अच्छा लगता है, ये ज़हर पीना मुझे अच्छा लगता है,
 चलते हुए इन राहों में यू लड़खड़ा कर गिर जाना  मुझे अच्छा लगता है,

 पी कर इस ज़हर को दुनिया भुला देना मुझे अच्छा लगता है, 
हो कर बेख़बर ज़हां से नशे को गले लगाना मुझे  अच्छा लगता है, 

भुला कर सबको बस इस नशे में रहना मुझे अच्छा लगता है,
 टूटे हुए दिल में इससे दिल लगाना मुझे  अच्छा लगता है,

 हर गम में दवा बना कर इसे पीना अच्छा लगता है,
 ज़िंदगी से हार कर ज़िंदगी इसे बनाना मुझे अच्छा लगता है, 

हर दर्द में सहारा लेना इसका ही मुझे अच्छा लगता है,
 भूख लगे या प्यास बस नशे में रहना ही मुझे अच्छा लगता है,

 लोग दूर जाए या रहे मेरे पास मुझे तो बस नशे में  खोये रहना अच्छा लगता है
,नशे में डूबे जाना मुझे अच्छा लगता है,ये ज़हर पीना मुझे अच्छा लगता है,

Thursday 12 June 2014

तेरे बिन क्या है जीना, क्या है जीना तेरे बिन, बिन तेरे हूँ भला क्या मैं, क्या हूँ मैं तेरे बिन,

तेरे बिन क्या है जीना,
  क्या है जीना तेरे बिन,

बिन तेरे हूँ भला क्या मैं,
 क्या हूँ मैं तेरे बिन,



तेरे बिन कही चेन मुझे मिले न,
  चेन ना आये कही  तेरे बिन,

बिन तेरे मिले न सुकून मुझे, 
कही सुकून ना आये मुझे बिन तेरे,



तेरे बिन दिन न कटे, 
न कटे ये दिन भी तेरे  बिन,

बिन तेरे न रात कटे,  
न कटे ये रात भी बिन तेरे,


तेरे बिन न है ये सुबह मेरी,
 न है ये सुबह मेरी तेरे बिन,

बिन तेरे है हर शाम से ये दूरी मेरी,
 है अब दूरी मेरी हर शाम से बिन तेरे,



तेरे बिन न है ख़ुशी मेरी, 
न है ख़ुशी मेरी  तेरे बिन,

बिन तेरे न है इन लबों पे हसी,
 न है हसी इन लबों पे बिन तेरे,


तेरे बिन टूट कर बिखर गयी है
 हर जगह हर कही ये  "मीठी-ख़ुशी ",

 बिखर गयी है टूट कर
 हर कही हर जगह' तेरे बिन, 


बिन तेरे जाने कहाँ
 खो गयी है ये 'मीठी-ख़ुशी', 

जाने कहाँ खो गयी  है बिन तेरे,

तेरे बिन न इसे चेन मिले, 
न मिले चेन इस तेरे बिन,

तेरे बिन पुकारती है ये तुझे हर कही, 
कहती रहती है बस ये है,

तेरे बिन क्या है जीना,
 क्या है जीना तेरे बिन,

बिन तेरे हूँ भला क्या मैं, 
क्या हूँ मैं तेरे बिन,


तेरे बिन क्या है जीना,
 क्या है जीना तेरे बिन,

बिन तेरे हूँ भला क्या मैं, 
क्या हूँ मैं तेरे बिन,



बाबू जी धीरे चलना

1*"मेरी जान भी तू है, मेरा हर अरमान भी तू है, मेरी शान भी तू है, मेरी पहचान भी तू है, मेरा घुमान भी तू है, मेरा अभिमान भी तू है, तुझे और क्या बताऊ ऐ मेरे नन्हे शैतान मेरी तो जिन्दगी की हर सुबह और शाम भी तू है, तेरा बिना कुछ भी नही मैँ, मेरा तो ईमान भी तू है, मेरा ये जहाँ भी तू है", for my Putwa(Boss) my baby my grandson



2*"तुझे भूल जौ मैं ये मुझे गवारा नही, तेरे बिन रह सकु

मैं एक पल मुझे ये गवारा नही,

साथ मेरे दुनिया है पर थाम के चालू हाथ किसी और का मुझे ये गवारा नही,

गुज़ारनी पड़े मुझे ये ज़िंदगी चाहे तन्हाइयो के अंधेरो में

पर तेरे सिवा किसी और का सहारा भी मुझे ये गवारा नही"



3*"एक कानीए से प्यार किया, 

उससे नज़र को तीन किया

 हाए रे हमने ये क्या किया,

काने नैने वाला निकला लुटेरा,

 छीन के हर खुशी मेरी मूह ऐसा फेरा,

जाने क्या देख मैने उसपे ऐतबार किया,

 सबने मुझसे माना किया  

पर फिर भी मैने उसी से ही प्यार किया,

 हाए रे हमने ये क्या किया" 


4* "बाबू जी धीरे चलना नेट पे ज़रा संभलना, बड़े धोखे है इस नेट पे, दोस्ती करने से तुम तोड़ा सा डरना, बाबू जी धीरे चलना"

क्या रखा है हमने हमारा ये देश संभाल के,



पासे सभी उलट गये थे कभी  जहाँ दुश्मन की चाल के,
अक्च्छर सभी पलट गये थे जहाँ भारत के भाल से,

मंज़िल पे आया था कभी मुल्क हर बला को टाल के,
सदियों के बाद फिर उड़े थे कभी बादल यहा गुलाल के,



वो लाए थे तूफान से कश्ती  निकाल 
के
क्या रखा है हमने हमारा ये देश संभाल के,-2
क्या ऐसा ही भविश्य में हमे देखा था 

उन्होने भारत विशाल के,
क्या रखा है हमने हमारा ये देश संभाल के,

हर कही बर्बाद हो रहा है ये बगीचा
इसको हृदय के खून से कभी बापू ने था सीचा-2
रखा था इससे कभी शहीदों ने बाल के,
क्या रखा है हमने हमारा ये देश संभाल के,

दुनिया के दाँव पेच में उलझे हैं शान से,
मज़िल हमारी क्या थी और भुला दिए हैं रास्ते,-2
भटक गये हैं आज हम अपने संघर्षों को भुला के,
क्या रखा हैं हमने हमारा  ये देश  संभाल के,


घोटालों और भ्रष्टाचार से आज भ्रष्ट हैं ये दुनिया,
आतंक वादियों के निशाने पे हर दम है ये दुनिया-2
व्याभिचार के अत्याचारो से तरष्ट है आज ये दुनिया
कितना रखा हमने यहा खुद को संभाल के,
क्या रखा है हमने हमारा ये देश संभाल के,

आराम की भूल भुलैये में हम 

अपने अतीत को हैं भूले,
सपनो के हिंडोलेओं पे मगन हो के 

हम शहीदों के ख्वाबों को हैं भूले-2

आज़ादी दिलाने के लिए 
जिन्होने जान थी गवाई-2
आज़ाद और खुशाल हिन्दुस्तान की तश्वीर 
जिनकी आँखों में हर पल थी छाई,
क्या रखा है हमने हमारा ये देश संभाल के,

भले दुनिया में दिखाने के लिए 

छु लिया हो आसमान को,
पहुचा दिया है भले हमने आज 

औरों की तरह आसमान में  इंसान को-2

दिल से पुछो क्या सच में कुछ दिया 

हमने हिन्दुस्तान को,
क्या रखा है हमने हमारा 

ये देश संभाल के,

क्या भूख ग़रीबी को मिटाया हैं हमने यहा से,
बेरोज़गारी और लाचारी को क्या दूर भगाया है यहा से,
मर रहे हैं सेंक़डो भूख से ये निर्दोष इंसान यहा के,
क्या रखा है हमने हमारा ये देश संभाल के,

वो लाए थे तूफान से कश्ती  निकाल 
के-2
क्या रखा है हमने हमारा ये देश संभाल के,
क्या ऐसा ही भविष्या में हमे देखा था

 उन्होने भारत विशाल के,
क्या रखा हैं हमने हमारा देश संभाल के,