लिखते लिखते मोहब्बत की कविता
जाने क्या जुनून झाया तुझपे ए मीठी
खुशी की चाहत में ये क्या खता कर दी
शायरों वाली मोहब्बत फ़िर से कर ली
this is not only a hindi sher o shayri site, there is also u can see short stories, articals, poetry in ur own language yes off course in hindi......
लिखते लिखते मोहब्बत की कविता
जाने क्या जुनून झाया तुझपे ए मीठी
खुशी की चाहत में ये क्या खता कर दी
शायरों वाली मोहब्बत फ़िर से कर ली
खता उनकी नही खता तो हमारी है
उन्होंने तो सच कहा एक दिन रुसवा कर देंगे
हमने ही मज़ाक समझा तो कसूर हमारा है
ऐ ज़िन्दगी में फ़िर कही बहक न जाऊँ
मेरी कविता
देखो टूट कर कैसे बिखर गए हम
कुछ दूर चले देखे कैसे गिर गए हम
मोहब्बत ढूढ़ने चले थे फिरसे यहाँ
सबकुछ लुटा देखो तन्हा हो गए हम
दे खुशी जहाँ को देखो रोते रह गए हम
अश्क पोछते झूठे मुस्कुराते रह गए हम
शायद यही है तकदीर में तेरी ए मीठी
खुशी की चाहत में हर दर्द सह गए हम
ईश्वर कहते हैं, "हे मनुष्यों तुम अपने मत, पूजा विधि-पद्धति व मेरे नामो को अनेक प्रकार से लेने को ले कर लड़ते रहते हो किंतु तुम जानकर भी नही जानना चाहते कि कोई चाहे किसी भी नाम और पूजा विधि का प्रयोग करे किंतु ये पूजा और इसका पूण्य मुझतक ही पहुँचती है।
ईश्वर कहते हैं, "हे मनुष्यों तुमने आकाश में बहते ये अनेक उल्का लिंड अवश्य देखे होंगे, किंतु ये कौन है कहाँ से आते हैं तुमको आज बताता हूँ।