Sunday 4 February 2024

ईश्वर वाणी-299, भगवान् कहाँ है??

ईश्वर और भगवान् मे यही मुख्य अंतर है, भगवान् के लिए तुम्हें मानव निर्मित मूर्ति और धार्मिक स्थल की आवश्यकता होती है, जबकि ईश्वर जो संपूर्ण और अंनत जगत का स्वामी है, वो न मानव निर्मित मूरत मे है न धार्मिक स्थल मे, जबकि हर एक वस्तु व ब्रमांड उसमे ऐसे समाया है जैसे तुम्हारे शरीर मे तुम्हारे अंग। जैसे शरीर के बिना इन अंगो का कोई मोल नही वैसे ईश्वर  के बिना भगवान् का कोई मोल नही। 

हर वो व्यक्ति भगवान् है जो वक़्त पर किसी के काम आया है, मरते व्यक्ति की जान बचाने वाला चिकित्सक भगवान् है, कर्ज मे डूबे व्यक्ति का कर्ज माफ करने वाला भगवान् है, जबकि ईश्वर इनसे उपर है, प्राणी जाती की सहायता हेतु वो मानव निर्मित भगवान् देश, काल, परिस्तिथि अनुसार भेजता रहता है और भेजता रहेगा, उसको पता है बिना भगवान् को जाने ईश्वर को नही जान सकते जैसे की पवित्र बाइबल मे लिखा है बिना पुत्र को जाने पिता को नही जान सकते। 


प्राचीन हिंदू मन्दिर, शिव लिंग्, शक्ति पीठ मे कोई प्राचीन मूरत किसी मानविये आकर की नही, समस्त गृह नक्षत्र बस एक आकर गोल ही क्यों है??? 


इनसे परमपिता पर्मेश्वर् हमें बताता है मै तो स्वम शून्य हूँ, शून्य अर्थात कुछ न हो कर ख़ुद मे संपूर्ण, ब्रमांड का आकर भी विशाल शून्य है, उसको किसी धार्मिक संस्था की आवश्यकता नही। ईश्वर को प्राप्त करने हेतु किसी मानव निर्मित न मूरत आवश्यकता है न धार्मिक स्थल, पवित्र शास्त्र कहते है एक दिन भगवान् के लोक भी नष्ट् हो जायेंगे, फिर तुम मानव निर्मित आरधानालयों के लिए लड़ते हो, सब एक दिन उस परम आत्मा मे विलीन हो जायेगा जिसे परमात्मा कहते हैं, जो ईश्वर से निकला अवश्य है किंतु कभी नाश न होगा जैसे तुम्हारी आत्मा युग युगों तक नाश नही होती, उस परमात्मा में विलीन हो कर फ़िर से भगवान्, देव, गृहों, व मानव, पशु, पक्षी व जीवों की उत्पति होगी, यही शृष्टि का नियम है, अनन्त है जो चलता रहा है चलता रहेगा। 🙏🙏🙏🙏🙏


 

Saturday 3 February 2024

ईश्वर वाणी-297, ईश्वर कहाँ है, कौन है

 

एक सच्चा आध्यात्मिक व्यक्ति जब भी उस परम शक्ति का नाम लेता है तो कहता है 'ईश्वर तुम्हारा भला करे', अथवा बात बात पर उसके मुख से ईश्वर शब्द निकलता, ईश्वर शब्द किसी धर्म और धार्मिक मान्यता को नही दर्शता, ईश्वर शून्य है जैसे तुम्हारे जन्म से पूर्व तुम्हारा ये शरीर शून्य था और मृत्यु के बाद शून्य हो जायेगा, ईश्वर शब्द सभी देव, देवता, भगवान्, नबी, अल्ला, गॉड, गृह, नक्षत्र सभी बड़ी से बड़ी दिव्य ऊर्जाओ को ख़ुद मे समाये है जबकि भगवान् शब्द तुम्हे देह से जोड़ता है जो नाशवान है, यही कल्पना तुम्हें मूर्ति से जोड़ती है, यही विचारधारा आध्यात्मिक उन्नति मे बाधा है क्योंकि तुम इससे उपर बड़ना ही नही चाहते, खुद को इस मूरत मे बांध लिया और इसी को सत्य मान कर आपस धर्म के नाम पर लड़ते हो, पर सच्चा आध्यात्मिक व्यक्ति इससे उपर उठ चुका है, वो चाहे घर पर हो अथवा मंदीर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारे सब स्थान पर सिर्फ ईश्वर को देखता है न की शरीर और शरीरिक कार्यो को जिसको भगवान् ने इस शरीर द्वारा किए, क्योंकि शरीर नश्वान है मिट गया और ऊर्जा फ़िर दूसरी देह मे चली गयी पर ईश्वर न मिटा है न मिटेगा, ऐसी अनन्त ऊर्जा का वो स्वामी है, इसलिए वो ईश्वर है, जो समस्त जीवों मे है, अनन्त ब्रह्मांड मे है, जिसको किसी स्थान विशेष की आवश्यकता नही क्योंकि वो तो हर स्थान पर है,
पाप मे भी वो है शैतान स्वरूप मे, नेकी मे भी वो है भगवान् स्वरूप मे। इसलिए सच्चे आध्यात्मिक व्यक्ति उस ईश्वर को पूजते है भले अपने ईष्ट स्वरूप किसी भगवान् की वो पूजा करते हो।

जय हो परमपिता पर्मेश्वर् की
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

दर्द वाली शायरी

 कितना आसान था, तेरा मुझसे यु मुहॅ मोड़ना

कितना आसान था, तेरा ये दिल मेरा तोड़ना

हम तेरी ख़ुशी के लिए, दर्द में भी मुस्कुराते रहे

कितना आसान था, तेरा यु तन्हा मुझे छोड़ना



Sunday 28 January 2024

कविता

 न तेरे संग रहने का कोई अरमाँ है अब

न तेरे दूर जाने है कोई अब गम मुझे

तू खुश है अपनी ज़िंदगी मे ये बहुत है

क्योंकि न तू , न मैं हमदर्द समझू तुझे

प्रभु के लिए कविता

 Mere pyare prabhu yeshu k liye mere likhe kuchh shabd.... Mere Pratham Aadhyatmik Guru.... Koti koti naman, Happy Birthday Jesus.। I love you


दुनिया ने ठुकराया, बस तूने अपनाया है

हारो का येशु, तूने गले मुझे लगाया है

करू तेरी स्तुति, करूँ तुझको नमन मै

येशु ने मुझको, अपने दिलमे बसाया है


राजाओं के राजा, तु मेरे दिलमे समाया है

ऐ मेरे मालिक, बस तुझे अपना बनाया है

तू है सच्चा गुरु, मेरा तुही सच्चा रब है 

दर्शन देने के लिए, आज तू मेरे घर पे आया है

प्यार वाली शायरी

 जय सिया राम।  

"जैसे सिया बिन राम अधूरे

राधा बिन घनश्याम अधूरे

वैसे ही दिल-ओ-जान से

   तुम बिन हम सुबह शाम अधूरे"

प्यारी वाली शायरी

 जिंदगी में पग-पग, मिल रही है मुझे चुनोती है

येशु इक तुही, मेरे जीवन की ज्योति है

दुनिया से जीते खुदसे हार गए है

कर के याद, मीठी- ख़ुशी के लिए रोती है