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Monday, 2 September 2013
लगा वक्त मुझे तेरे पास आने में
लगा वक्त मुझे तेरे पास आने में, लगा वक्त मुझे तुझे पाने में, हुई थी
भूल जो मुझसे दूर तुझसे जाने में आज आया है समझ वो भूला हुआ रास्ता, ठोकरे
खा कर आज मुझे फिर से एक बार नज़र आया है एक तेरा ही रास्ता, हर दफा तूने ही
मुझे अपनाया है, ठुकराया जब दुनिया ने मुझे तब तूने ही अपनाया है, कितना
अजब है प्रेम का रिश्ता अपना ना तो तूने मुझे जाना है और न मैंने तुझे जाना
है फिर भी दिल पे लगी जब जब ठोकर मेरे तब सिर्फ तूने ही मुझे अपनाया है,
भूल
चुके थे हम तुझे जहाँ एक और ख्वाब समझ कर, दूर जा चुके थे तुझसे बस एक रात
समझ कर, घिर गए थे जाने कितने भवरो में हम, ना दीखता था कोई रास्ता और न
बचने का ही था कोई रास्ता, टूट चुकी हर उम्मीद ज़िन्दगी की, ख़त्म हो चुकी थी
हर आस जिंदगी की,
बरसों बरस दूर तुझसे रहने के बाद
आज जब मैंने मुड कर पीछे देखा तू वही खड़ा था जहाँ मैंने बरसों पहले तुझे
छोड़ा था, आज दुनिया के दिए गम से नम्म है किनती मेरी आँखे, झूठे ख्वाब देखे
थे चाहत के मैंने उन्हें टूटने से भीग गयी है मेरी आँखे,
एक वक्त था जो कभी तूने ना नम होने दी थी मेरी आँखे, देता था हर हर ख़ुशी मुझे और रखता था हर गम से दूर मुझे,
गलती
तेरी नहीं मेरी ही थी जो तुझे छोड़ कर मैंने किसी और से मोहब्बत करने की हसरत
की, तेरे प्यार को ठुकरा कर हम किसी और के होने लगे, धीरे धीरे फिर तुझसे
दूर जाने लगे, पर जब टूटा मेरे ज़ज्बातों का अरमानो से भरा दिल तब याद तुम्ही मुझे आये, किसी और ने ना समझा हमे और फिर दुबारा भी करीब तुम्ही आये,
है
वादा तुम्हसे हमारा ना जायंगे कभी तुम्हे यु अकेला छोड़ कर, मिले नहीं कभी
भले इस जिंदगी में लेकिन इस दिल में रहोगे अब सदा सिर्फ तुम ही तुम ऐ मेरे हुम्नासिं ऐ मेरे हमदम ,
लगा वक्त मुझे तेरे पास आने में, लगा वक्त मुझे तुझे पाने में, हुई थी
भूल जो मुझसे दूर तुझसे जाने में आज आया है समझ वो भूला हुआ रास्ता, ठोकरे
खा कर आज मुझे फिर से एक बार नज़र आया है एक तेरा ही रास्ता, हर दफा तूने ही
मुझे अपनाया है, ठुकराया जब दुनिया ने मुझे तब तूने ही अपनाया है, कितना
अजब है प्रेम का रिश्ता अपना ना तो तूने मुझे जाना है और न मैंने तुझे जाना
है फिर भी दिल पे लगी जब जब ठोकर मेरे तब सिर्फ तूने ही मुझे अपनाया है,
सिर्फ तूने ही मुझे अपनाया है
सिर्फ तूने ही मुझे अपनाया है
सिर्फ तूने ही मुझे अपनाया है
सिर्फ तूने ही मुझे अपनाया है
i love you Steve Waugh, These lines i have written only for you
i love you
i love you
i love you
i love you
i love you
i love you
Sunday, 1 September 2013
ईश्वर वाणी(ishwar vaani-49)-49
ईश्वर कहते हैं हमे कभी उदास और अवसादग्रस्त नहीं होना चाहिए यधपि हमारा
सब कुछ ख़त्म हो जाए, प्रभु कहते हैं जैसे समस्त श्रष्टि के ख़त्म होने के
बाद फिर से एक नए शिरे से श्रृष्टि का निर्माण होता है वैसे ही हमारी
ज़िन्दगी में भी बहुत कुछ या फिर सब कुछ ख़त्म होने के बाद फिर से एक नयी
शुरुआत होती है,
प्रभु कहते हैं जैसे श्रृष्टि में
विकृतियाँ आ जाने और उनका चरम्त्शार्ष पर पहुचने पर श्रृष्टि का विनास फिर
एक बार विक्रतिविहीन श्रृष्टि का निर्माण होता है वैसे ही मानव जीवन में
विकृति के पश्चात सब कुछ ख़त्म होने के बाद फिर से एक विक्रतिविहीन जीवन की
शुरुआत होती है,
प्रभु कहते हैं सब कुछ नष्ट होने के
पश्चात फिर से एक नयी शुरुआत को होना ही प्रकृति का नियम है, जैसे पतझड़
में पत्ते झाड़ते हैं फिर से नए पत्ते आते हैं, जैसे ऋतुओं का बदलना भी
निश्चित है जैसे हमारे सर्र से बाल गिरते और फिर नए बाल आते हैं, जैसे दिन
के ढलने के बाद रात और रात के बाद फिर से दिन आता है, जैसे दिन, महिना और
साल बदलते हैं वैसे ही हमारी ज़िन्दगी बदलती है,
ईश्वर
कहते हैं हमे इस बदलाव से घबराना नहीं चाहिए अपितु सहर्ष स्वीकार करना
चाहिए क्यों की ईश्वर ने हर बश्तु को निर्धारित किया है और उनके द्वारा
निर्धारित हर वश्तु को स्वीकार कर एवं बदलाव के नियम को स्वीकार कर अपने
सभी अवसादों का त्याग कर अपने जीवन में सदेव प्रसन्न रह सकते है…
वो रिश्ता ही क्या जो एक पल में टूट जाए
वो रिश्ता ही क्या जो एक पल में टूट जाए, वो वादा ही
क्या जो निभाया ना जाए, वो मोहब्बत ही क्या जो अधूरी रह जाए,
वो ज़िन्दगी ही
क्या जिसमे मजबूरी ना आये, वो महबूब ही क्या जिसकी पलकों में अश्क न आये,
वो चाहत की क्या जिसे कोई पचान ना पाए, वो रात ही क्या जिसके बाद कोई सवेरा
ना आये,
वो दिन ही क्या जिसमे शाम ना आये,
वो ख़ुशी ही क्या जिसमे कोई गम
ना आये, वो दिया ही क्या जिसमे बाती ना जल पाए, वो चिराग ही क्या जो
रौशनी ना दे पाए,
वो घर ही क्या जिसमे परिवार ना रह पाए, वो इंसान ही क्या
जो किसी के ज़ज्बात ना समझ पाए,
वो वक्त की क्या जिसमे किसी की याद ना आये,
वो आशिकी ही क्या जिसमे कोई कमी कही रह जाए,
वो दिल ही क्या जिसमे धड़कन ना
आये, वो सांस ही क्या जिसमे कोई आस ना रह जाए, वो प्यार ही क्या जो मझधार
में छोड़ जाए, वो रिश्ता ही क्या जो एक पल में टूट जाए…
Friday, 30 August 2013
अपनी किस्मत से शायद कुछ ज्यादा ही हमने मांग लिया
अपनी किस्मत से शायद कुछ ज्यादा ही हमने मांग लिया, अपने हाथों की लकीरों पर शायद कुछ ज्यादा ही हमने ऐतबार कर लिया, ख्वाब देखे जो ज़िन्दगी के हमने शायद बेवज़ह उन्हें हमने सच जान लिया, बिखरे तो पहले से थे ज़मीं पे हम और इसी बिखरी हुई ज़िन्दगी को ही अपना मान लिया, मिले गम मुझे दुनिया से बहुत पर अपने ग़मों के साथ आँखों से बहते इन अश्कों को ही अपनी ख़ुशी मान लिया
Sunday, 25 August 2013
ऐ मेरी तकदीर
यकीं नहीं होता ऐ मेरी तकदीर तुझपे आखिर कोई तुझसे भी इतनी मोहब्बत कैसे कर सकता है, तोड़ते रहते हो अक्सर दिल जिसका आखिर वो क्यों तुझपे ही मरता है, जुदा होने का तुझसे उसने जरा नाम क्या लिए और तूने तो उसे खुद से मिटा तक दिया, ऐ मेरी तकदीर यकीं नहीं होता तुझपे की आखिर कोई तुझसे इतनी मोहब्बत भी कर सकता है।
Saturday, 24 August 2013
chaahate
"khwaab dikhati hai chahate, dil dhadkati hai chahate, arman jagati hai
chahate, khushi dikhati hai chahate, gerron ko karib lati hain chahate, ajnabi ko
apna banati hai chahte,
Fir ek din tod ke wo hasin khwaab tanha chhod jati hai chahate, dil mei gam aankhe nam kar juda ho jati hai chahate, jo bante hai kabhi apne usse hi begana bana jati hai chahate, apno ko apno se juada kar apno se dur le jati hai chahate ,ek khushhaal zindagi ko ujaad kar barbad kar jati hai chahate, aur kya kahe archu inke bare mein zinda laash bana kar thokare khaane duniya mein akela chhod jati hai ye chahate, zinda rahte huye maut ke intezaar mein pal pal tadapte huye duniya mein akela chhod jaati hai ye chahate
zinda rahte huye maut ke intezaar mein pal pal tadapte huye duniya mein akela chhod jaati hai ye chahate
zinda rahte huye maut ke intezaar mein pal pal tadapte huye duniya mein akela chhod jaati hai ye chahate , "
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