एक
आम लडकी की तरह ही जीने की हसरत थी मेरी, एक आम लडकी तरह ही छोटी छोटी
ख्वाइशेँ थी मेरी, छोटे छोटे सपने थे मेरे और लडकियोँ की तरह,
प्यार
जिससे किया मेँने उस रब ने हर उस को मुझसे छीना, पल दो पल की मुस्कान दे
कर मुझे मेरी हर खुशी को मुझसे छीना, खता बस इतनी सी की मैँने जो हसरत करी
थी आम लडकियोँ की तरह जीने की, ख्वाब देखे उनकी तरह जीने के, भूल गये अपनी
सरहदेँ शायद तभी तो अपनी चाहत के बदले मुझे किस्मत से धोखे मिले,