राम राम/ प्रणाम/ नमस्कार दोस्तो आज हम फिर हाज़िर है अपने इस लेख जिसका शीर्षक है "अनहोनी घटनाए भाग-4",
दोस्तो आज जो कहानी ह्म आपको बताने जा रहे हैं वो हमरी पिछलि सभी कहानियो की तरह ही एक दम सच्ची है..
बात आज से लगभग दो साल पहले की है, हमारे घर में हमारी 11 साल की बच्ची बहुत बीमार थी, डॉक्टर्स ने हमे बताया की वो कुछ ही दिन की मेहमान है, दोस्तो शायद आप यकीन ना करे पर जब उसकी मृत्यु होने वाली थी उसके ठीक दो दिन पहले मैने एक अजीब सी काली छाया को उसके पास घूमते हुए देखा जबकि दोस्तो उसके पास मेरे सिवा कोई और नही था, मुझे बहुत ही अजीब सा लगा जैसे मैने यमराज को साक्षात् देख लिया हो, लेकिन वक्त के साथ मैने इस घटना को सिर्फ़ अपने मन का वहम समझ कर भूला देना ही अच्छा समझा पर वक्त के साथ ठीक दो साल दो दिन बाद कुछ ऐसा हुआ की मुझे पिछलि घटना को सच मानने पर मजबूर कर दिया,

इस साल यानी की 18-09-20013 को मैने अपने घर में दक्षिण दिशा (जो भूत प्रेत, आत्मा, पितर, यमराज़ एवम अपने पूर्वाजो का लोक माना जाता है\) से एक काली और बेहद लंबी छाया को हाथ में खड़ाग(किसी भी प्राणी को काटने के लिए प्रयोग में लाने वाला एक हथियार) लिए अपने 13साल के बीमार बेटे के पास आते देखा, दोस्तो वो बीमार . था पर
ऐसा भी नही था की उसकी जान पर बन आए लेकिन फिर भी उस बेहद डरावने रूप वाली काली छाया को देख कर मुझे बहुत ही डर लगने लगा और अपने बीमार बेटे की चिंता होने लगी, पर दोस्तो मैने महसूस किया की जबसे मैने उस काली छाया को अपने बेटे के पास आते देखा है तब से उसकी तबीयत और भी ज़्यादा बिगड़ने लगी है और रात ही रात मैं उसकी तबीयत इतनी बिगड़ गयी की उसे अगले दिन डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा जहाँ डॉक्टर ने उसे महज चंद दिन का ही और मेहमान बताया, दोस्तो चूकि वो हमरी जान था इसलिए हमने उसे डॉकटर की ग़लत नसीहत समझा क्यों की दिल इस बात को स्वीरकर ही नही कर पा रहा था की एक छोटी सी बीमारी उसकी जान भी ले सकती है, हलकी डॉकटर ने हमे बताया था की जिसे हम एक साधारण बीामरी समझ रहे है दरअसल एक लाइलाज़ बीमारी है हा ये और बात है की अभी तक कम थी पर अब पूरी तरह से पूरे शरीर में फेल गयी है और अब कुछ नही किया जा सकता सिवा इन बचे हुए दिन में उसे प्यार करने के,
दोस्तो हम फिर भी यकीन नही कर पा रहे थे और उसके ठीक होने की आस दिल में लिए उस क़ी देखभाल कर रहे थे, किन्तु इसके चार दिन बाद हमारी जान हमारे उस नन्हे से १३ साल के प्यारे से बच्चे की मृत्यु गयि।
दोस्तो आज जो कहानी ह्म आपको बताने जा रहे हैं वो हमरी पिछलि सभी कहानियो की तरह ही एक दम सच्ची है..
बात आज से लगभग दो साल पहले की है, हमारे घर में हमारी 11 साल की बच्ची बहुत बीमार थी, डॉक्टर्स ने हमे बताया की वो कुछ ही दिन की मेहमान है, दोस्तो शायद आप यकीन ना करे पर जब उसकी मृत्यु होने वाली थी उसके ठीक दो दिन पहले मैने एक अजीब सी काली छाया को उसके पास घूमते हुए देखा जबकि दोस्तो उसके पास मेरे सिवा कोई और नही था, मुझे बहुत ही अजीब सा लगा जैसे मैने यमराज को साक्षात् देख लिया हो, लेकिन वक्त के साथ मैने इस घटना को सिर्फ़ अपने मन का वहम समझ कर भूला देना ही अच्छा समझा पर वक्त के साथ ठीक दो साल दो दिन बाद कुछ ऐसा हुआ की मुझे पिछलि घटना को सच मानने पर मजबूर कर दिया,

इस साल यानी की 18-09-20013 को मैने अपने घर में दक्षिण दिशा (जो भूत प्रेत, आत्मा, पितर, यमराज़ एवम अपने पूर्वाजो का लोक माना जाता है\) से एक काली और बेहद लंबी छाया को हाथ में खड़ाग(किसी भी प्राणी को काटने के लिए प्रयोग में लाने वाला एक हथियार) लिए अपने 13साल के बीमार बेटे के पास आते देखा, दोस्तो वो बीमार . था पर
ऐसा भी नही था की उसकी जान पर बन आए लेकिन फिर भी उस बेहद डरावने रूप वाली काली छाया को देख कर मुझे बहुत ही डर लगने लगा और अपने बीमार बेटे की चिंता होने लगी, पर दोस्तो मैने महसूस किया की जबसे मैने उस काली छाया को अपने बेटे के पास आते देखा है तब से उसकी तबीयत और भी ज़्यादा बिगड़ने लगी है और रात ही रात मैं उसकी तबीयत इतनी बिगड़ गयी की उसे अगले दिन डॉक्टर के पास ले जाना पड़ा जहाँ डॉक्टर ने उसे महज चंद दिन का ही और मेहमान बताया, दोस्तो चूकि वो हमरी जान था इसलिए हमने उसे डॉकटर की ग़लत नसीहत समझा क्यों की दिल इस बात को स्वीरकर ही नही कर पा रहा था की एक छोटी सी बीमारी उसकी जान भी ले सकती है, हलकी डॉकटर ने हमे बताया था की जिसे हम एक साधारण बीामरी समझ रहे है दरअसल एक लाइलाज़ बीमारी है हा ये और बात है की अभी तक कम थी पर अब पूरी तरह से पूरे शरीर में फेल गयी है और अब कुछ नही किया जा सकता सिवा इन बचे हुए दिन में उसे प्यार करने के,
दोस्तो हम फिर भी यकीन नही कर पा रहे थे और उसके ठीक होने की आस दिल में लिए उस क़ी देखभाल कर रहे थे, किन्तु इसके चार दिन बाद हमारी जान हमारे उस नन्हे से १३ साल के प्यारे से बच्चे की मृत्यु गयि।
दोस्तों इस प्रकार हमने महसूस किया की दो साल पहले भी हमने जिसे(काली छाया ) देखा था वो हमारा वहम
नहीं बल्कि वो भी उतना था सच जितना ठीक उसके २ साल २ दिन बाद की घटना सच थी, मैंने दो बार उस काली डरावनी छाया को देखा और उसके बाद मैंने अपने जान से भी प्यार बच्चो को खोया और ये मेरा वहम नहीं बल्कि एक सच्ची घटना है.…